व्यापक कुप्रबंधन की वजह से 6 जनवरी को कैपिटल पुलिस नहीं थी तैयार : रिपोर्ट

Edited By PTI News Agency,Updated: 15 Apr, 2021 05:16 PM

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वाशिंगटन, 14 अप्रैल (एपी) अमेरिका की कैपिटल पुलिस की एक आंतरिक रिपोर्ट में ऐसे कई अनुचित कदमों का उल्लेख किया गया है जिसकी वजह से पुलिस बल छह जनवरी को कैपिटल (संसद परिसर) पर हमला करने वाले पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक उपद्रवियों से...

वाशिंगटन, 14 अप्रैल (एपी) अमेरिका की कैपिटल पुलिस की एक आंतरिक रिपोर्ट में ऐसे कई अनुचित कदमों का उल्लेख किया गया है जिसकी वजह से पुलिस बल छह जनवरी को कैपिटल (संसद परिसर) पर हमला करने वाले पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक उपद्रवियों से निपटने में नाकाम रहा।
रिपोर्ट के मुताबिक उनके पास उपलब्ध दंगा रोधी कवच ऐसे थे जो प्रहार होते ही बिखर गए, पुराने पड़ चुके हथियार थे जिनका इस्तेमाल नहीं किया जा सका और इसके अलावा प्रशिक्षण का भी आभाव था। इसमें कहा गया कि खुफिया इकाई के पास सीमित तय मानक थे।

पिछले महीने आंतरिक तौर पर जारी की गई निगरानी रिपोर्ट पर संसद में बृहस्पतिवार को सुनवाई होनी है। उससे पहले ही संवाद समिति ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ के पास उपलब्ध रिपोर्ट में सुरक्षा व खुफिया विफलताओं को लेकर कुछ और भी जानकारी दी गईं हैं। तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सैकड़ों समर्थकों द्वारा कैपिटल परिसर पर कब्जा किये जाने के मामले की संसद द्वारा जांच की जा रही है।


उस दिन के व्यापक और विस्तृत घटनाक्रम का विवरण, अधिकारियों की बातचीत समेत कई बातें इसमें शामिल हैं जब अफसरों के बीच इस बात को लेकर मंथन चल रहा था कि क्या कैपिटल पुलिस बल के कम कर्मियों को देखते हुए नेशनल गार्ड्स को बुलाया जाए या नहीं। इसमें एक सैन्य अधिकारी को तत्कालीन कैपिटल पुलिस प्रमुख स्टीवन सुंड को यह बताते हुए उद्धृत किया गया है कि “हम यह नहीं देखना चाहेंगे कि नेशनल गार्ड कैपिटल में एक कतार में खड़े हों” वह भी तब जब बलवाई पहले ही अंदर घुस चुके हैं।

महानिरीक्षक माइकल ए बोल्टन ने पाया कि विभाग में व्यापक तौर पर काफी कमियां थीं, और हैं। उपकरण पुराने थे और उनका रखरखाव बेहद बुरा था, खुफिया तंत्र में सुधार की पूर्व में की गई अनुशंसाओं पर नेताओं ने कार्रवाई नहीं की थी और सिविल डिस्टर्बेंस यूनिट के लिये मौजूदा नीतियों या प्रक्रियाओं का अभाव था। यह इकाई पूर्व में अस्तित्व में थी जिसका मकसद यह सुनिश्चित करना था कि नागरिक अशांति या प्रदर्शनों की वजह से अमेरिकी संसद का विधायी कार्य प्रभावित न हो। छह जनवरी को ठीक यही हुआ जब ट्रंप समर्थकों ने संसद में हो रही इलेक्टोरल कॉलेज मतों की गणना को पलटने की कोशिश की।

यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब कैपिटल पुलिस बल का मनोबल गिरा हुआ है और यह संकट के कगार पर है क्योंकि कई अधिकारी बलवे के बाद अपने तय समय से ज्यादा काम कर रहे हैं। कार्यवाहक प्रमुख योगानंद पिटमैन को फरवरी में संघ से अविश्वास प्रस्ताव मिला था जो बड़े पैमाने पर कर्मियों में फैले अविश्वास को दर्शाता है।

रिपोर्ट में उपकरणों और प्रशिक्षण की विफलता पर मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित किया गया है। कैपिटल पुलिस के जवानों को ट्रंप के करीब 800 समर्थकों की भीड़ ने जल्द ही नाकाम कर दिया और उन्हें धक्का देते हुए, पीटते हुए, दरवाजों और खिड़कियों को तोड़कर उपद्रवी इमारत के अंदर घुस गए थे।

रिपोर्ट में खुफिया विभाग की नाकामी को भी रेखांकित किया गया है जो उपद्रवियों द्वारा खुले तौर पर ऑनलाइन योजना बनाने के बावजूद समय पर संबंधित एजेंसियों को सतर्क नहीं कर पाया। इसके अलावा विभिन्न एजेंसियों द्वारा दी गई चेतावनियों की भी व्यापक अनदेखी की गई।


बोल्टन ने पाया कि कई मायनों में विभाग के उपकरण बेहद पुराने और अनुपयोगी हो चुके थे लेकिन उन्हें बदला नहीं गया। इनमें से कुछ तो 20 साल से भी पुराने थे। उग्र भीड़ के हमलों से बचने के लिये पहने गए दंगा रोधी कवच प्रहार झेल नहीं पाए और टूट गए। इनका रखरखाव भी उचित नहीं था। कुछ उपकरण तो इतने पुराने थे कि कर्मचारी उनके इस्तेमाल को लेकर सही महसूस नहीं कर रहे थे।

यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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