Edited By PTI News Agency,Updated: 12 Nov, 2021 08:53 AM
वाशिंगटन, 12 नवंबर (भाषा) अफगानिस्तान पर एक ‘कांग्रेशनल’ रिपोर्ट में कहा गया कि अफगानिस्तान से जुड़े मामलों में पाकिस्तान लंबे समय से सक्रिय और कई मामलों में विध्वंसकारी एवं अस्थिरता लाने जैसी भूमिका निभाता रहा है, जिसमें तालिबान को समर्थन...
वाशिंगटन, 12 नवंबर (भाषा) अफगानिस्तान पर एक ‘कांग्रेशनल’ रिपोर्ट में कहा गया कि अफगानिस्तान से जुड़े मामलों में पाकिस्तान लंबे समय से सक्रिय और कई मामलों में विध्वंसकारी एवं अस्थिरता लाने जैसी भूमिका निभाता रहा है, जिसमें तालिबान को समर्थन देने के लिए एक प्रावधान का सहारा लेना भी शामिल है।
‘द्विपक्षीय कांग्रेशनल शोध सेवा (सीआरएस) की एक रिपोर्ट में कहा गया कि यदि पाकिस्तान, रूस और चीन जैसे अन्य देश और कतर जैसे अमेरिका के साझेदार तालिबान को और मान्यता देने की दिशा में बढ़ेंगे तो इससे अमेरिका अलग-थलग पड़ सकता है। वहीं, अमेरिकी दबाव का विरोध करने, उससे बच निकलने के तालिबान को और अवसर मिलेंगे।
रिपोर्ट में कहा गया कि अमेरिका का और दंडात्मक रवैया अफगानिस्तान में पहले से गंभीर बने मानवीय हालात को और गहरा कर सकता है। सीआरएस रिपोर्ट, सांसदों को विभिन्न मुद्दों पर जानकारी देने के लिए तैयार की जाती है ताकि उसके आधार पर वे निर्णय ले सकें। इसे अमेरिकी कांग्रेस की आधिकारिक सोच या रिपोर्ट नहीं माना जाता है।
रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘अफगानिस्तान के मामलों में पाकिस्तान लंबे समय से सक्रिय और कई मायनों में विध्वंसकारी एवं अस्थिरता फैलाने वाली भूमिका निभाता रहा है, जिसमें तालिबान को समर्थन देने संबंधी प्रावधान भी शामिल है।’’ इसमें कहा गया, ‘‘कई पर्यवेक्षक अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे को पाकिस्तान के लिए महत्वपूर्ण जीत के रूप में देखते हैं, जिससे अफगानिस्तान में उसका प्रभाव बढ़ा है और वहां भारत के प्रभाव को सीमित करने के उसके दशकों से चले आ रहे प्रयासों को भी बढ़ावा मिला है।’’
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