Edited By PTI News Agency,Updated: 17 May, 2022 10:28 PM
इस्लामाबाद, 17 मई (भाषा) पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने एक ऐतिहासिक फैसले में मंगलवार को कहा कि संसद के असंतुष्ट सदस्यों के वोट उनके संसदीय दल के निर्देशों के खिलाफ दिये जाने पर नहीं गिने जा सकते। न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ ने 3:2 वाले...
इस्लामाबाद, 17 मई (भाषा) पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने एक ऐतिहासिक फैसले में मंगलवार को कहा कि संसद के असंतुष्ट सदस्यों के वोट उनके संसदीय दल के निर्देशों के खिलाफ दिये जाने पर नहीं गिने जा सकते। न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ ने 3:2 वाले अपने खंडित फैसले में यह बात कही। ज्यादातर न्यायाधीश सांसदों को संविधान के अनुच्छेद 63 ए के तहत पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर मतदान करने की अनुमति देने के पक्ष में नहीं थे।
हालांकि, पार्टी के निर्णय के खिलाफ मतदान करने वाले सांसदों को अयोग्य घोषित करने की अवधि के अहम मुद्दे पर न्यायालय ने संसद से कानून बनाने को कहा। प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल, न्यायमूर्ति इजाजुल अहसन और न्यायमूर्ति मुनिब अख्तर ने बहुमत वाला फैसला दिया, जबकि न्यायमूर्ति मजहर आलम खान मियांखेल और न्यायमूर्ति जमाल खान मांडोखेल ने बहुमत के फैसले से असहमति जताई। न्यायालय के इस फैसले से पाकिस्तान में राजनीतिक संकट और गहरा सकता है क्योंकि विपक्षी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी पंजाब के मुख्यमंत्री हमजा शहबाज को इस्तीफा देने के लिए मजबूर करने की कोशिश करेगी। शहबाज, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के नेता हैं और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के एक दर्जन से अधिक प्रांतीय जन प्रतिनिधियों के समर्थन से मुख्यमंत्री चुने गये थे। इस फैसले से हमजा शहबाज की किस्मत अधर में लटक सकती है, क्योंकि पीटीआई विधायकों के समर्थन के बिना वह मुख्यमंत्री नहीं बन सकते थे।
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