दलाई लामा से अमेरिकी विशेष समन्वयक उजरा जेया की मुलाकात से चीन नाखुश

Edited By PTI News Agency,Updated: 19 May, 2022 06:52 PM

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बीजिंग, 19 मई (भाषा)
चीन ने बृहस्पतिवार को तिब्बती मुद्दों के लिए अमेरिका की विशेष समन्वयक उजरा ज़ेया की दलाई लामा के साथ बैठक और धर्मशाला की उनकी यात्रा की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि यह वाशिंगटन की उस प्रतिबद्धता का उल्लंघन है कि तिब्बत चीन का हिस्सा है और वह तिब्बती अलगाववादियों का समर्थन नहीं करता है।
हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में जेया ने बृहस्पतिवार को दलाई लामा से मुलाकात की और अमेरिका तथा भारत में स्वतंत्रता व लोकतंत्र की समृद्ध परंपरा पर चर्चा की।
तिब्बत की निर्वासित सरकार ने प्रेस को जारी किए गए एक बयान में कहा कि संक्षिप्त मुलाकात के दौरान जेया ने दलाई लामा को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और अमेरिकी लोगों की शुभकामनाएं प्रेषित कीं।
जेया दो दिवसीय धर्मशाला दौरे पर हैं जहां दलाईलामा रहते हैं और यहीं से तिब्बत की निर्वासित सरकार का संचालन होता है।
चीनी विदेश मंत्रालय ने जेया की यात्रा की आलोचना करते हुए इसे चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप बताया।


चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने 86 वर्षीय शीर्ष तिब्बती बौद्ध नेता के साथ भारतीय मूल की वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक की मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, “तिब्बत चीन का हिस्सा है और तिब्बती धार्मिक मामले चीन का आंतरिक मामला हैं।”
उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा तिब्बती मुद्दों के लिए एक विशेष समन्वयक की नियुक्ति चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप है। उन्होंने कहा कि चीन इस पर दृढ़ता से आपत्ति जताता है और इसे कभी मान्यता नहीं दी है।


झाओ ने कहा, “अमेरिका को अपनी प्रतिबद्धता का ईमानदारी से पालन करना चाहिए कि तिब्बत चीन का हिस्सा है और वह तिब्बत की स्वतंत्रता का समर्थन नहीं करता है।”
उन्होंने कहा, “उसे चीन विरोधी दलाई गुट द्वारा अलगाववादी गतिविधियों के लिए कोई समर्थन नहीं देना चाहिए। चीन अपनी संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा के लिए मजबूती से उपाय करना जारी रखेगा।”
बुधवार को जेया ने केंद्रीय तिब्बती प्रशासन का दौरा किया और इसके नेतृत्व के साथ चर्चा की। उन्होंने निर्वासित तिब्बती संसद, तिब्बती प्रदर्शन कला संस्थान, तिब्बत संग्रहालय का भी दौरा किया और तिब्बती नागरिक संस्थाओं के सदस्यों से भी मुलाकात की।


झाओ ने कहा, “मैं यह कहना चाहूंगा कि तथाकथित तिब्बत की निर्वासित सरकार एक बाहरी अलगाववादी राजनीतिक समूह है। यह चीन के संविधान और कानून का गंभीर उल्लंघन है। यह अवैध है और इसे दुनिया के किसी देश से मान्यता प्राप्त नहीं है।”

यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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