Edited By PTI News Agency,Updated: 14 Jun, 2022 11:49 AM
वाशिंगटन, 14 जून (एपी) अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चुनावी अभियान के करीबी सलाहकार, शीर्ष सरकारी अधिकारी और यहां तक कि उनके परिवार के सदस्य भी 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में धोखाधड़ी के उनके झूठे दावों को छह जनवरी को कैपिटल में हुई...
वाशिंगटन, 14 जून (एपी) अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चुनावी अभियान के करीबी सलाहकार, शीर्ष सरकारी अधिकारी और यहां तक कि उनके परिवार के सदस्य भी 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में धोखाधड़ी के उनके झूठे दावों को छह जनवरी को कैपिटल में हुई हिंसा से पहले खारिज कर रहे थे, लेकिन पराजित राष्ट्रपति ‘‘वास्तविकता से काफी दूर’’ थे और सत्ता में बने रहने के लिए विचित्र तर्कों का सहारा ले रहे थे।
कैपिटल हिल (अमेरिकी संसद भवन) में हुए दंगों की जांच कर रही समिति को मामले के गवाहों ने यह जानकारी दी।
ट्रंप के चुनाव अभियान के प्रबंधक बिल स्टेपियन ने समिति के समक्ष गवाही देते हुए कहा कि ट्रंप के दामाद जेरेड कुशनर ने ट्रंप को अटॉर्नी रूडी गिउलिआनि और मतदाता धोखाधड़ी के उनके तर्कों से दूर करने की कोशिश की थी। सलाहकारों का मानना था कि वे सच नहीं थे।
पूर्व अटॉर्नी जनरल विलियम बर्र ने कहा, ‘‘ वह (ट्रंप) वास्तविकता से बेहद दूर थे।’’
उन्होंने ट्रंप के मतदाता धोखाधड़ी के दावों को ‘‘बेकार’’, ‘‘फर्जी’’ और ‘‘बेतुका’’ बताते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा था, ‘‘ मैं उसका हिस्सा नहीं बनना चाहता था।’’
प्रतिनिधिसभा की सदस्य जो लोफग्रेन ने कहा, ‘‘ यह केवल एक बड़ा झूठ नहीं, बल्कि एक बड़ा घोटाला था।’’
बेनी थॉम्पसन ने कहा कि ट्रंप ने ‘‘ अमेरिका के लोगों का विश्वास तोड़ा और लोगों के उन्हें सत्ता से बाहर करने के पक्ष में मतदान करने के बावजूद उन्होंने पद पर बने रहने की कोशिश की।’’
सुनवाई पर अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने कहा, ‘‘ मैं सब देख रहा हूं, मैं पूरी सुनवाई देखूंगा। मैं इसे शायद लाइव ना देख पाऊं, लेकिन इसे बाद में जरूर देखूंगा। मैं आश्वासन देता हूं कि 6 जनवरी मामले से जुड़े सभी अभियोजक सुनवाई देख रहे हैं।’’
वहीं, व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरीन जीन-पियरे ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन नियमित रूप से सुनवाई पर जानकारी हासिल कर रहे हैं, लेकिन रोज सुनवाई देख नहीं रहे।
गौरतलब है कि ट्रंप ने तीन नवंबर 2020 को हुए राष्ट्रपति चुनाव में हार स्वीकार नहीं की थी और उन्होंने चुनाव में धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे। ट्रंप के इन आरोपों के बीच उनके समर्थकों ने छह जनवरी को संसद भवन परिसर में कथित तौर पर हिंसा की थी।
एपी निहारिका रंजन
रंजन
1406 1148 वाशिंगटन
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