Edited By PTI News Agency,Updated: 16 Jun, 2022 09:55 AM
वाशिंगटन, 16 जून (एपी) अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की सऊदी अरब यात्रा से करीब एक महीने पहले, कोलंबिया जिले (डीसी) ने सऊदी दूतावास के सामने वाली सड़क का नाम बदल कर ‘जमाल खशोगी वे’ कर दिया गया है।
वाशिंगटन, 16 जून (एपी) अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की सऊदी अरब यात्रा से करीब एक महीने पहले, कोलंबिया जिले (डीसी) ने सऊदी दूतावास के सामने वाली सड़क का नाम बदल कर ‘जमाल खशोगी वे’ कर दिया गया है।
पत्रकार खशोगी (59) दो अक्टूबर 2018 को इस्तांबुल में सऊदी अरब वाणिज्य दूतावास में प्रवेश करने के बाद गायब हो गए थे। उसके बाद उनकी हत्या की बात सामने आई थी।
डीसी काउंसिल के सदस्यों की उपस्थिति में, दूतावास के मुख्य प्रवेश द्वार के सामने ‘जमाल खशोगी वे’ चिह्न का अनावरण किया गया।
डीसी काउंसिल ने एक ब्लॉक खंड का नाम खशोगी के नाम पर रखने के लिए सर्वसम्मति से पिछले साल के अंत में मतदान किया था।
सऊदी अरब के दूतावास को इस संबंध में ई-मेल भेजा गया, लेकिन उसने मामले पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है।
अरब समर्थक विश्व लोकतंत्र संगठन ‘डीएडब्ल्यूएन’ की कार्यकारी निदेशक सारा लीह व्हिटसन ने कहा, ‘‘ हम छिप रहे लोगों को यह याद दिलाना चाहते हैं कि हम उन्हें जिम्मेदार ठहराते हैं और हम उन्हें अपने दोस्त की हत्या के लिए जिम्मेदार ठहराते रहेंगे।’’
‘डेमोक्रेसी फॉर द अरब वर्ल्ड नाओ’ (डीएडब्ल्यूएन) की स्थापना खशोगी ने ही की थी।
व्हिटसन ने सऊदी सरकार के साथ बेहतर संबंधों की कोशिश और राष्ट्रपति की आधिकारिक यात्रा को लेकर अमेरिकी प्रशासन की आलोचना करते हुए इस ‘‘बेशर्म आत्म समर्पण’’ करार दिया।
गौरतलब है कि पत्रकार खशोगी (59) दो अक्टूबर 2018 को इस्तांबुल में सऊदी अरब वाणिज्य दूतावास में प्रवेश करने के बाद गायब हो गए थे। खशोगी को उन दस्तावेजों की जरूरत थी, जिससे उन्हें तुर्की की नागरिक हैटिस केंगिज से शादी करने की अनुमति मिलती।
सऊदी सरकार ने शुरुआत में किसी भी साजिश से इनकार किया था, लेकिन बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद उसने अंततः स्वीकार किया था कि खशोगी को वाणिज्य दूतावास के अंदर मार दिया गया। उसने इसे सउदी ने प्रत्यावर्तन प्रयास के रूप में वर्णित किया था, जिसकों अंजाम देते समय यह घटना हुई।
केंद्रीय खुफिया एजेंसी (सीआईए) ने बाद में एक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा था कि सऊदी अरब के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान के आदेश पर खशोगी की हत्या की गई और उनका शव क्षत-विक्षत कर दिया गया।
एपी निहारिका संतोष
संतोष
1606 0954 वाशिंगटन
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।