चीन ने तीसरे विमानवाहक पोत का जलावतरण किया

Edited By PTI News Agency,Updated: 17 Jun, 2022 07:41 PM

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बीजिंग, 17 जून (भाषा) चीन ने शुक्रवार को अपने तीसरे विमानवाहक पोत ‘फुजियान’ का जलावतरण किया। यह देश का सबसे उन्नत और पहला ‘‘पूरी तरह से स्वदेशी’’ नौसैनिक पोत है।

बीजिंग, 17 जून (भाषा) चीन ने शुक्रवार को अपने तीसरे विमानवाहक पोत ‘फुजियान’ का जलावतरण किया। यह देश का सबसे उन्नत और पहला ‘‘पूरी तरह से स्वदेशी’’ नौसैनिक पोत है।

चीन की सरकारी मीडिया ने अपनी खबर में बताया कि पूर्वी तटीय प्रांत फुजियान के नाम पर तीसरे विमानवाहक पोत का जलावतरण किया गया।

सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ की खबर के अनुसार ‘फुजियान’ देश का सबसे उन्नत और पहला ‘‘पूरी तरह से स्वदेशी’’ विमानवाहक पोत है।
कोविड-19 को लेकर शंघाई में लॉकडाउन के कारण इसके जलावतरण में दो महीने की देरी हुई। गत 23 अप्रैल को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (पीएलएएन) की 73वीं वर्षगांठ के आसपास इसका जलावतरण किया जाना था।

‘चाइना स्टेट शिपबिल्डिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड’ द्वारा निर्मित तीसरे विमानवाहक पोत का वजन 80,000 टन से अधिक है और यह उन्नत उपकरणों से लैस है।

‘फुजियान’ चीन के पूर्वी तटीय प्रांत फुजियान का नाम है।

चीन का पहला विमानवाहक पोत लियाओनिंग सोवियत युग के जहाज का एक परिष्कृत रूप है, जिसका जलावतरण 2012 में किया गया था और उसके बाद 2019 में दूसरे विमानवाहक पोत ‘शेडोंग’ का जलावतरण किया गया था जो स्वदेश में निर्मित था।
चीन के नए युद्धपोत को पहला ड्रोन विमान वाहक पोत बताया जा रहा है। जहाज 50 मानव रहित प्रणालियों को ले जा सकता है, जिसमें मानव रहित नौकाएं, ड्रोन और पानी के नीचे चलने वाले वाहन शामिल हैं। चीन अपनी नौसेना का तेजी से आधुनिकीकरण कर रहा है, जिसमें नए विमानवाहक पोतों का निर्माण भी शामिल है।

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के अलावा सेना के भी प्रमुख हैं। उन्होंने सेना में व्यापक सुधार किए हैं, जिनमें थल सेना के आकार को कम करना और नौसेना तथा वायु सेना की भूमिका को बढ़ाना शामिल हैं। वहीं, चीन वैश्विक विस्तार के मद्देनजर अफ्रीका में हॉर्न के जिबूती में सैन्य ठिकाने स्थापित कर रहा है।

चीन ने श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह को 99 साल के पट्टे पर भी लिया है और अरब सागर में पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह का विस्तार और आधुनिकीकरण किया है।

गौरतलब है कि चीन दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर दोनों में क्षेत्रीय विवादों में उलझा हुआ है। चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है। वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान भी इस क्षेत्र पर दावे करते रहे हैं।



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