Edited By PTI News Agency,Updated: 20 Jun, 2022 03:57 PM
इस्लामाबाद, 20 जून (भाषा) पाकिस्तान की एक अदालत ने एक प्रमुख मानवाधिकार कार्यकर्ता और वकील के खिलाफ ताकतवर फौज की ओर से दायर एक मामले को सोमवार को खारिज कर दिया। इमान जैनब मजारी-हाजिर पर सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा के खिलाफ कथित तौर पर...
इस्लामाबाद, 20 जून (भाषा) पाकिस्तान की एक अदालत ने एक प्रमुख मानवाधिकार कार्यकर्ता और वकील के खिलाफ ताकतवर फौज की ओर से दायर एक मामले को सोमवार को खारिज कर दिया। इमान जैनब मजारी-हाजिर पर सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा के खिलाफ कथित तौर पर अपशब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप था।
दरअसल, इमान की मां पूर्व मानवाधिकार मंत्री शीरीन मजारी को जब पिछले महीने एक मामले में उनके घर के बाहर से गिरफ्तार किया गया था, तब इमान ने बाजवा के खिलाफ कथित तौर पर अपशब्दों का इस्तेमाल किया था। लेफ्टिनेंट कर्नल सैयद हुमायूं इफ्तिख्तर की शिकायत पर इस्लामाबाद में 26 मई को इमान के खिलाफ पहली प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
इमान पर पाकिस्तान दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था, जिसमें सशस्त्र बलों के खिलाफ लोगों को भड़काना और अन्य इल्जाम शामिल थे।
उन्होंने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में प्राथमिकी को चुनौती देते हुए कहा था कि इसमें लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं।
‘डॉन’ अखबार की खबर के मुताबिक, सुनवाई के दौरान इमान की वकील जैनब जनजुआ ने कहा कि उनकी मुवक्किल ने अदालत के आदेश पर पूछताछ में पूरा सहयोग दिया और पुलिस को विस्तृत जवाब दिए।
वकील ने कहा कि उनकी मुवक्किल ने अपने शब्दों पर ‘खेद’ जताया है और माना है कि ‘जो हुआ, वह नहीं होना चाहिए था।’ इसके बाद उच्च न्यायालय ने इमान के खिलाफ मामला खारिज करने की मांग वाली याचिका को स्वीकार कर लिया।
सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनाल्लाह ने टिप्पणी की कि इमान अदालत की एक सम्मानित अधिकारी हैं और उन्हें ‘सामान्य परिस्थितियों’ में भी ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था।
उन्होंने कहा, “याचिकाकर्ता माफी के लिए कहे तो मामले में क्या बचता है?”
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