चीन पेलोसी की ताइवान यात्रा का मुकाबला करने के लिए ‘लक्षित’ सैन्य अभियान चलाएगा

Edited By PTI News Agency,Updated: 03 Aug, 2022 12:27 AM

pti international story

बीजिंग, दो अगस्त (भाषा) चीन ने मंगलवार को चेतावनी दी कि उसकी चेतावनियों के बावजूद हो रही अमेरिकी प्रतिनिधिसभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा का द्विपीक्षय संबंधों पर ‘गंभीर असर’ पड़ेगा क्योंकि यह क्षेत्र की शांति और स्थिरता को...

बीजिंग, दो अगस्त (भाषा) चीन ने मंगलवार को चेतावनी दी कि उसकी चेतावनियों के बावजूद हो रही अमेरिकी प्रतिनिधिसभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा का द्विपीक्षय संबंधों पर ‘गंभीर असर’ पड़ेगा क्योंकि यह क्षेत्र की शांति और स्थिरता को ‘गंभीर रूप से कमजोर’ करता है। उसकी सरकारी मीडिया ने कहा कि सेना उनकी यात्रा का मुकाबला करने के लिए ‘लक्षित’ अभियान चलाएगी।

चीन ने राजनयिक स्तर पर विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि पेलोसी की यात्रा ‘एक चीन सिद्धांत’ का उल्लंघन करती है। उसने अमेरिका पर उसे नियंत्रित करने के लिए ताइवान कार्ड खेलना का आरोप लगाया।

पेलोसी मंगलवार रात ताइपे पहुंची। वह ताइवान की यात्रा करने वाली पिछले 25 वर्षों में सबसे उच्च स्तर की अमेरिकी अधिकारी हैं।

पेलोसी के चीन पहुंचने के बाद, चीन के विदेश मंत्रालय ने एक कड़ा बयान जारी कर कहा कि उनकी यात्रा "एक-चीन सिद्धांत और चीन-अमेरिका के तीन संयुक्त सहमति पत्रों के प्रावधानों का गंभीर उल्लंघन है।” चीन ताइवान को अपना क्षेत्र बताता है और कहता है कि वह उसे अपने में मिलाएगा।

बयान में कहा गया है, ‘‘यह चीन-अमेरिका संबंधों की राजनीतिक नींव पर गंभीर प्रभाव करता है और चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का गंभीर रूप से उल्लंघन करता है। यह ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता को गंभीर रूप से कमजोर करता है और अलगाववादी ताकतों को 'ताइवान की स्वतंत्रता' के लिए गंभीर रूप से गलत संकेत भेजता है।” बयान में कहा गया है, “ चीन इसका कड़ा विरोध करता है और कड़ी निंदा करता है ।’’ चीन ने अमेरिका के सामने कड़ा सख्त राजनयिक जताया है।

बयान में कहा, “ ताइवान का मसला चीन का आंतरिक मामला है और किसी भी अन्य देश को यह अधिकार नहीं है कि वह ताइवान के मसले पर न्यायाधीश बनकर काम करे।” विदेश मंत्रालय ने कहा, “ चीन अमेरिका से ‘ताइवान कार्ड' खेलना और चीन को नियंत्रित करने के लिए ताइवान का उपयोग बंद करने का आग्रह करता है। इसे ताइवान में दखल देना और चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करना बंद कर देना चाहिए।” उसने कहा कि दुनिया में केवल एक-चीन है, ताइवान चीन के क्षेत्र का एक अविभाज्य हिस्सा है, और पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की सरकार पूरे चीन का प्रतिनिधित्व करने वाली एकमात्र कानूनी सरकार है।

मंत्रालय ने कहा कि इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव में स्पष्ट रूप से मान्यता दी गई है और 181 देशों ने एक-चीन सिद्धांत के आधार पर चीन के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए हैं।

उसने कहा कि 1979 में, अमेरिका ने राजनयिक संबंधों की स्थापना पर चीन-अमेरिका संयुक्त आधिकारिक पत्र में स्पष्ट प्रतिबद्धता व्यक्त की थी कि " अमेरिका पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की सरकार को चीन की एकमात्र कानूनी सरकार के रूप में मान्यता देता है।” चीन ने अमेरिकी मंत्री एंटनी ब्लिंकन के इस दावे को भी खारिज किया कि अमेरिकी कांग्रेस स्वतंत्र रूप से काम करती है। बयान में कहा गया है कि "अमेरिकी सरकार के एक हिस्से के रूप में कांग्रेस, अमेरिकी सरकार की एक-चीन नीति का सख्ती से पालन करने के लिए स्वाभाविक रूप से बाध्य है और चीन के ताइवान क्षेत्र के साथ किसी भी आधिकारिक आदान-प्रदान से बचना चाहिए।” राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल वू कियान के हवाला से सरकारी ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने बताया कि चीनी सेना "ताइवान द्वीप पर पेलोसी की यात्रा का मुकाबला करने के लिए लक्षित सैन्य अभियानों की एक श्रृंखला शुरू करेगी, और राष्ट्र की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की दृढ़ता से रक्षा करेगी। " चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की पूर्वी थिएटर कमान ताइवान द्वीप के आसपास संयुक्त सैन्य अभियानों की एक श्रृंखला शुरू करेगी जिसका आगाज़ मंगलवार रात से ही हो रहा है।

सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की खबर के मुताबिक पीएलए की पूर्वी थिएटर कमान समुद्र क्षेत्रों में संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास करेगी ।



यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!