Edited By PTI News Agency,Updated: 05 Aug, 2022 09:04 PM
वाशिंगटन, पांच अगस्त (भाषा) अंग प्रतिरोपण की बाट जोह रहे मरीजों के लिए उम्मीद की एक नयी किरण जगी है। अमेरिकी वैज्ञानिक एक ऐसी प्रौद्योगिकी विकसित करने में कामयाब रहे हैं, जो सुअरों की मौत के बाद उनके शरीर में मौजूद कोशिकाओं और अंगों की क्रिया...
वाशिंगटन, पांच अगस्त (भाषा) अंग प्रतिरोपण की बाट जोह रहे मरीजों के लिए उम्मीद की एक नयी किरण जगी है। अमेरिकी वैज्ञानिक एक ऐसी प्रौद्योगिकी विकसित करने में कामयाब रहे हैं, जो सुअरों की मौत के बाद उनके शरीर में मौजूद कोशिकाओं और अंगों की क्रिया बहाल करने में सक्षम है।
‘जर्नल नेचर’ में प्रकाशित अनुसंधान रिपोर्ट के मुताबिक, इस प्रौद्योगिकी के तहत अनुसंधानकर्ताओं ने कुछ सुअरों की मौत के एक घंटे बाद उनके अंगों और ऊतकों में एक खास द्रव्य का संचार किया, जिसे कोशिकाओं की रक्षा के लिए तैयार किया गया था। इससे सुअरों के शरीर में रक्त प्रवाह और कोशिका संबंधी अन्य क्रियाओं को बहाल करने में सफलता मिली।
येल स्कूल ऑफ मेडिसिन के अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि यह प्रौद्योगिकी न सिर्फ सर्जरी के दौरान मानव अंगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करेगी, बल्कि प्रतिरोपण के लिए उपलब्ध अंगों की संख्या भी बढ़ाएगी।
अनुसंधान दल में शामिल डेविड आंद्रेजेविक ने कहा, “सभी कोशिकाएं तुरंत दम नहीं तोड़तीं। उनकी मौत की प्रक्रिया होती है, जिसके बीच में आप दखल दे सकते हैं, कोशिकाओं को दम तोड़ने से रोक सकते हैं और कुछ क्रियाओं को बहाल कर सकते हैं।”
यह अनुसंधान येल स्कूल ऑफ मेडिसिन के नेतृत्व वाली एक पुरानी परियोजना पर आधारित है, जिसके तहत ‘ब्रेनएक्स’ नामक की एक प्रौद्योगिकी के जरिये एक मृत सुअर के मस्तिष्क में रक्त प्रवाह और कोशिका संबंधी कुछ क्रियाओं को बहाल करना संभव हो पाया था।
नए अध्ययन में अनुसंधानकर्ताओं ने ‘ब्रेनएक्स’ के एक संशोधित संस्करण ‘ऑर्गनएक्स’ के जरिये सुअर के विभिन्न अंगों की क्रिया बहाल करने में कामयाबी हासिल की।
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