Edited By Tanuja,Updated: 09 May, 2022 11:31 AM
विकसित अर्थव्यववस्थाओं वाले जी-7 देशों के नेताओं ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को सबक सिखाने की कसम खाई व रूस से तेल के आयात को चरणबद्ध...
लंदन: विकसित अर्थव्यववस्थाओं वाले जी-7 देशों के नेताओं ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को सबक सिखाने की कसम खाई व रूस से तेल के आयात को चरणबद्ध तरीके से रोकने का रविवार को संकल्प लिया। समूह के नेताओं ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से भी बात की और उन्हें अपना समर्थन दिया। नाजी जर्मनी के 1945 में आत्मसमर्पण के उपलक्ष्य में मनाए जानेवाले यूरोप विजय दिवस पर पश्चिमी देशों ने एकजुटता का प्रदर्शन किया।
जी-7 में अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, फ्रांस, इटली और जापान शामिल हैं। जी-7 ने एक बयान में कहा कि रूस के तेल की आपूर्ति को रोकने से ‘‘राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के मुख्य औजार को तगड़ा झटका लगेगा और युद्ध लड़ने के लिए धन खत्म हो जाएगा।'' जी-7 के नेताओं ने कहा, ‘‘हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हम ऐसा समय पर और व्यवस्थित ढंग से करें तथा ऐसे तरीके से करें जो दुनिया को वैकल्पिक आपूर्ति सुरक्षित करने के लिए समय प्रदान करे।'' अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की जी-7 नेताओं और जेलेंस्की के साथ बैठक करीब एक घंटे तक चली।
अमेरिका ने यूक्रेन पर आक्रमण के लिए रूस के खिलाफ नए प्रतिबंधों की भी घोषणा की। नयी पाबंदियों के तहत रूस के तीन सबसे बड़े टेलीविजन स्टेशन से पश्चिमी देशों के विज्ञापनों को रोकना, अमेरिकी लेखा और परामर्श फर्म को किसी भी रूसी को सेवाएं प्रदान करने से प्रतिबंधित करना और रूस के औद्योगिक क्षेत्र पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाना शामिल है। व्हाइट हाउस ने नौ मई के ‘विजय दिवस' से पहले नए प्रतिबंधों की घोषणा की, जब रूस 1945 में नाजी जर्मनी की हार का जश्न विशाल सैन्य परेड के साथ मनाता है।