Edited By shukdev,Updated: 02 Nov, 2018 11:33 PM
श्रीलंका के नवनियुक्त प्रधानमंत्री मङ्क्षहदा राजपक्षे ने शुक्रवार को मुख्य तमिल पार्टी के एक सांसद को अपने पाले में कर लिया और उन्हें मंत्री बनाया गया। राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना बहुमत परीक्षण के वास्ते सात नवंबर को संसद की बैठक बुलाने पर राजी हो...
कोलंबो : श्रीलंका के नवनियुक्त प्रधानमंत्री मङ्क्षहदा राजपक्षे ने शुक्रवार को मुख्य तमिल पार्टी के एक सांसद को अपने पाले में कर लिया और उन्हें मंत्री बनाया गया। राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना बहुमत परीक्षण के वास्ते सात नवंबर को संसद की बैठक बुलाने पर राजी हो गए हैं। राजपक्षे ने दावा किया कि बहुमत साबित करने के लिए उनके पास पर्याप्त संख्या बल है और संसद के कम से कम पांच सदस्य हटाए गए प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे का साथ छोड़ चुके हैं।
राजपक्षे को पूर्वी बट्टीकलोवा जिले के टीएनए के सांसद एस विलेनतिरियन का साथ मिला है। उन्हें पूर्वी क्षेत्र विकास का उपमंत्री बनाया गया है। विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी ने कहा है कि उसने नए प्रधानमंत्री राजपक्षे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिया है। यूएनपी के वरिष्ठ सदस्य लक्ष्मण किरीएला ने कहा कि संसद के महासचिव ने प्रस्ताव के बारे में अवगत कराया है। देश में 225 सदस्यीय एसेंबली में राजपक्षे-सिरीसेना गठबंधन के 96 सांसद हैं जो कि बहुमत के लिए जरूरी 113 के आंकड़े से 17 कम है।
बहरहाल, संसद के स्पीकर कारू जयसूर्या ने कहा कि सिरिसेना सात नवंबर को संसद की बैठक के लिए राजी हो गए हैं। इससे रानिल विक्रमसिंघे की जगह पूर्व राष्ट्रपति मङ्क्षहदा राजपक्षे के प्रधानमंत्री बनने के बाद मौजूदा राजनीतिक संकट में नया मोड़ आ गया है। संसद पर जारी गतिरोध कब खत्म होगा इसको लेकर गुरुवार तक असमंजस की स्थिति बनी हुई थी क्योंकि सिरिसेना ने 16 नवंबर तक बैठक निलंबित कर दी थी।