Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Feb, 2018 09:45 PM
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी)के सह अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी ने दावा किया है कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनेजीर भुट्टो कश्मीर समस्या के समाधान के लिए तैयार थे और...
लाहौर: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी)के सह अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी ने दावा किया है कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनेजीर भुट्टो कश्मीर समस्या के समाधान के लिए तैयार थे और इसे सुलझाने की दिशा में आगे बढ़ रहे थे लेकिन राजीव गांधी की हत्या के बाद ऐसा हो न सका।
जरदारी ने सोमवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 1980 में बेनजीर भुट्टो ने राजीव गांधी से इस बारे में बात की थी। भुट्टो और गांधी कश्मीर समस्या को शांतिपूर्ण तरीके के सुलझाने के सहमत हो गए थे। कश्मीर समस्या के समाधान के लिए पूरी योजना तैयार कर ली गयी थी। योजना का पाकिस्तान के तत्कालीन शीर्ष सैन्य अधिकारी परवेज मुशर्रफ ने तैयार किया था। इस योजना को अन्य पाकिस्तानी जनरलों ने अस्वीकार कर दिया था।
उन्होंने कहा कि कश्मीर समस्या के समाधान के लिए तैयार की गई योजना पर राजीव गांधी सहमत थे लेकिन 1991 में चुनाव प्रचार के दौरान उनकी हत्या के बाद यह योजना खटाई में पड़ गई। उन्होंने यह भी दावा किया कि गांधी ने भुट्टो से बातचीत में माना था कि उनके अलावा पिछले 10 वर्षों में पाकिस्तान की ओर से किसी अन्य नेता ने उनसे कश्मीर पर बात तक नहीं की।
जरदारी ने जनसभा में यह भी कहा कि पीपीपी के अलावा किसी भी अन्य दल ने कभी भी कश्मीर समस्या के समाधान के लिए प्रयास नहीं किया। उन्होंने कहा कि भुट्टो की मौत के बाद वर्ष 2008 में उनकी सरकार की तरफ से तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी कश्मीर मुद्दे पर बातचीत की गई थी।