वैज्ञानिकों ने 'जिंदा पकड़ा' कोरोना वायरस, ईलाज की नई उम्मीद जागी (तस्वीरें जारी)

Edited By Tanuja,Updated: 07 Mar, 2020 12:35 PM

researchers capture the first pictures the real appearance of covid 19

कोरोना वायरस दुनिया के लिए मुसीबत बना हुआ है। दुनिया भर के वैज्ञानिक इस पर रिसर्च कर रहे हैं। अभी तक यह नहीं पता था कि उसकी...

बीजिंगः कोरोना वायरस दुनिया के लिए मुसीबत बना हुआ है। दुनिया भर के वैज्ञानिक इस पर रिसर्च कर रहे हैं। अभी तक यह नहीं पता था कि उसकी संरचना कैसी है, वह दिखता कैसा है। लेकिन अब वैज्ञानिकों की एक टीम को वायरस की असल संरचना को जानने में कामयाबी मिली है। इतना ही नहीं, जब यह वायरस किसी कोशिका को संक्रमित करता है तो उस वक्त कोशिका की क्या स्थिति होती है, इसकी भी तस्वीर लेने में वैज्ञानिक कामयाब हुए हैं।

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सबसे विश्वसनीय रिजल्ट
जिंदा कोरोना वायरस कैसा दिखता है, डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण चीन के शेनजेन में रिसर्चरों की एक टीम ने ऐसी पहली तस्वीर जारी की है जो यह बताती है कि नया कोरोना वायरस 'असल में दिखता' कैसा है। इस तस्वीर को फ्रोजेन इलेक्ट्रॉन माइक्रोसोप ऐनालिसिस टेक्नॉलजी की मदद से कैद किया गया है। इस तकनीक के जरिए वायरस को निष्क्रिय करने के बाद उसकी तस्वीर ली गई है। इस तकनीक के जरिए वायरस के जैविक नमूने को सुरक्षित किया गया जिससे यह पता चलता है कि जब यह वायरस जिंदा था तो किस स्थिति में और कैसा था। यह सबसे विश्वसनीय रिजल्ट है।

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दक्षिण चीन के रिसर्चरों की टीम को बड़ी कामयाबी
रिसर्च टीम के मेंबर और असोसिएट प्रफेसर लिउ चुआंग ने बताया, 'वायरस की जिस संरचना को हमने देखा वह बिल्कुल वैसा ही है जैसा जिंदा होने पर वायरस होता।' टीम ने इसके साथ-साथ वायरस से संक्रमित होने वाली कोशिका की स्थिति को भी तस्वीरों में कैद करने में कामयाबी हासिल की है। इस अहम कामयाबी को शेनजेन नैशनल क्लिनिकल मेडिकल रिसर्च सेंटर और सदर्न यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस ऐंड टेक्नॉलजी की संयुक्त टीम ने हासिल किया है। इससे वायरस की पहचान, उसके विश्लेषण और जरूरी क्लिनिकल रिसर्च का महत्वपूर्ण रास्ता साफ हो सकता है।

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वैज्ञानिकोॆ को वायरस की लाइफ साइकल को समझने को मिलेगी मदद 
सदर्न यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस ऐंड टेक्नॉलजी के फ्रोजेन माइक्रोस्कोपी सेंटर में असोसिएट प्रफेसर लिउ चुआंग ने बताया, 'तस्वीरों का हमारे लिए वैज्ञानिक महत्व है, इससे हमें वायरस की लाइफ साइकल को समझने में मदद मिलेगी।' टीम ने बताया कि रिसर्चरों ने 27 जनवरी को एक मरीज के भीतर से कोरोना वायरस को अलग किया और तकनीक के जरिए बहुत ही तेजी से जीनोम सिक्वेंसिंग और उसकी पहचान के काम को पूरा किया। यह अध्ययन गुरुवार को bioRxiv जर्नल में प्रिंट से पहले ऑनलाइन प्रकाशित हुई है।

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