Edited By Tanuja,Updated: 22 Jun, 2020 01:22 PM
अमेरिका के अनुसंधानकर्ताओं ने कोरोना वायरस पर मौसम के असर को लेकर नया खुसाला किया है। अमेरिका की मार्शल यूनिवर्सिटी के ...
वॉशिंगटनः अमेरिका के अनुसंधानकर्ताओं ने कोरोना वायरस पर मौसम के असर को लेकर की रिसर्च में नया खुसाला किया है। अमेरिका की मार्शल यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि कोरोना वायरस की स्थिरता पर पर्यावरणीय कारकों के प्रभाव का पता लगा लिया गया है। उन्होंने कहा है कि कोविड-19 महामारी के दौर के बाद यह वायरस अपने अनुकूल मौसम होने पर फिर से पैर पसार सकता है।
अध्ययन में कहा गया है कि मनुष्य की लार, बलगम तथा नाक के म्यूकस में इस वायरस की स्थिरता पर पर्यावरणीय स्थितियों का प्रभाव पड़ता है। मार्शल यूनिवर्सिटी से जेरेमियाह मैस्टन सहित अनुसंधानकर्ताओं ने उल्लेख किया कि नया कोरोना वायरस, सार्स-कोव-2 उच्च आर्द्रता और गर्म तापमान में कम स्थिर रहता है। यह अध्ययन रिपोर्ट पत्रिका ‘इमर्जिंग इन्फेक्शस डिसीज सार्स-कोव-2’ में प्रकाशित हुई है। अनुसंधानकर्ताओं ने इस बारे में पता लगाने के लिए मनुष्य की लार, बलगम और नाक के म्यूकस के नमूनों का अध्ययन किया जिन्हें सात दिन तक तीन विभिन्न तापमान और विभिन्न आर्द्रता में रखा गया।