Edited By Tanuja,Updated: 12 May, 2021 05:43 PM
सऊदी अरब के दौरे वापस आए कंगाल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को फिर फजीहत का सामना करना पड़ा है। आर्थिक मंदहाली के दौर से गुजर रहे पाक की मदद के नाम पर सऊदी से बेइज्जती मिली
पेशावर: सऊदी अरब के दौरे वापस आए कंगाल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को फिर फजीहत का सामना करना पड़ा है। आर्थिक मंदहाली के दौर से गुजर रहे पाक की मदद के नाम पर सऊदी से बेइज्जती मिली है। उसने मदद लेने के नाम पर ऐसी हरकत कर दी है कि देश में इस पर बहस छिड़ गई है। जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री इमरान खान 3 दिन के सऊदी अरब दौरे से वापस लौटने लगे तो क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन-सलमान की तरफ से पाकिस्तान को चावल के 19,032 बोरे भेंट में दिए गए। अब इमरान खान की आलोचना हो रही है कि हाल के दिनों तक चावल के बड़े निर्यातक रहे पाकिस्तान को आखिर ऐसी मदद क्यों लेनी पड़ी?
जानकारी के अनुसार सऊदी अरब की ओर से तोहफे में मिले 440 टन चावल को खैबर पख्तूनख्वाह और पंजाब के 1,14,192 लोगों में बांटा जाएगा। इस मदद को लेकर अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रहे हुसैन हक्कानी ने इमरान सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया कि, 'हाल के दिनों तक चावल के बड़े निर्यातक रहे पाकिस्तान को सऊदी अरब से मदद के तौर पर 19,032 बोरी (440 टन) चावल की जरूरत क्यों पड़ी? देश को सऊदी अरब की उदारता के लिए उसका आभार जताने के साथ-साथ अपनी विफलता पर आत्ममंथन भी करना चाहिए। '
हक्कानी के ट्वीट पर कई बुद्धिजीवियों ने प्रतिक्रिया दी है। पाकिस्तान के मशहूर अर्थशास्त्री डॉ. कैसर बंगाली ने कहा है, 'गरीबी घटाने और विकास के नाम पर पिछले 4 सालों से अमेरिका, सऊदी अरब, यूएई और चीन के सामने भीख मांगने के बाद अब पंजाब और खैबर पख्तूनख्वां के जरूरतमंद परिवारों के लिए सऊदी अरब से चावल लेने की नौबत आ गई है। क्या रावलपिंडी-इस्लामाबाद में थोड़ी भी शर्म बची है?'
वहीं एक अन्य प्रतिक्रिया में कहा गया है कि पंजाब में मध्यम स्तर के किसानों के लिए चावल उगाना मुश्किल हो रहा है। पानी की कमी है, किसानों को कोई सब्सिडी नहीं मिलती है. बिचौलिये ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं। किसानों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है।