Edited By Tanuja,Updated: 08 Aug, 2024 04:14 PM
अलगाववादी नेता कार्ल्स पुइगडेमोंट के बार्सिलोना लौटने के बाद स्पेन की राजनीति में भूचाल आ गया है। स्पेन पुलिस ने उनकी तलाश के...
International Desk: अलगाववादी नेता कार्ल्स पुइगडेमोंट के बार्सिलोना लौटने के बाद स्पेन की राजनीति में भूचाल आ गया है। स्पेन पुलिस ने उनकी तलाश के लिए शहर में सड़कों पर अवरोधकों का जाल बिछा दिया है । रूढ़िवादी पीपुल्स पार्टी के नेता अल्बर्टो नुनेज फेइजू ने इस घटना को “असहनीय अपमान” बताया। उन्होंने कहा, “इस पागलपन को देखना दर्दनाक है, और इसके लिए पेड्रो सांचेज़ जिम्मेदार हैं। इससे स्पेन की छवि को नुकसान पहुंचाना अक्षम्य है।” हालांकि, इस घटना पर सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। विपक्ष ने मैड्रिड सरकार पर पुइगडेमोंट को गिरफ्तार करने में विफल रहने का आरोप लगाया है। वैलेंसिया में पीपुल्स पार्टी के नेता कार्लोस माज़ोन ने इसे "पुइगडेमोंट का एक और मूर्खतापूर्ण नाटक" कहा और कानून के पालन की मांग की।
सीनेट में पीपी की नेता एलिसिया गार्सिया ने स्पेनिश प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज़ को "शर्म और आक्रोश" के लिए जिम्मेदार ठहराया। इस बीच, कैटलन क्षेत्रीय पुलिस बल, मोसोस डी'एस्क्वाड्रा के अधिकारी, स्वतंत्रता समर्थक प्रदर्शनकारियों के सामने पहरा देते हुए नजर आए। स्पेन की दूर-दराज़ पार्टी वॉक्स के समर्थक भी बार्सिलोना में विरोध प्रदर्शन के लिए एकत्र हुए। विशेषज्ञों का मानना है कि कैटलोनिया में इस घटनाक्रम से पेड्रो सांचेज़ के लिए 2025 के बजट को मंजूरी दिलाना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि पुइगडेमोंट की पार्टी इसके खिलाफ मतदान कर सकती है। हालांकि, यह संभावना कम है कि अगर अगले साल के बजट की पुष्टि नहीं होती, तो सांचेज़ समय से पहले चुनाव की घोषणा करेंगे। वे मौजूदा बजट को आगे बढ़ाने का विकल्प चुन सकते हैं, क्योंकि जनमत सर्वेक्षणों में विपक्षी पीपुल्स पार्टी अभी भी आगे है।
कौन हैं विवादास्पद नेता कार्ल्स पुइगडेमोंट ?
कार्ल्स पुइगडेमोंट (Carles Puigdemont) एक कैटलन राजनेता और पत्रकार हैं, जो 2016 से 2017 तक स्पेन के कैटेलोनिया क्षेत्र के राष्ट्रपति रहे। उनका नाम खासकर 2017 में हुए कैटेलोनिया के स्वतंत्रता जनमत संग्रह और उसके बाद के घटनाक्रमों के कारण सुर्खियों में रहा। कार्ल्स पुइगडेमोंट अब भी निर्वासन में हैं और कैटेलोनिया के स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख प्रतीक बने हुए हैं। उनके खिलाफ स्पेन में अभी भी कानूनी मामले लंबित हैं, और वह बार्सिलोना में किसी भी समय लौटने पर गिरफ्तारी का सामना कर सकते हैं। उनकी वापसी और स्पेनिश राजनीति पर उनके प्रभाव को लेकर चर्चाएं अक्सर होती रहती हैं। पुइगडेमोंट के समर्थक उन्हें कैटेलोनिया की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने वाला नायक मानते हैं, जबकि उनके विरोधियों के लिए वे स्पेन की अखंडता के लिए खतरा हैं। उनकी कहानी स्पेन और कैटेलोनिया के बीच के जटिल राजनीतिक संबंधों का प्रतीक है, और वह आज भी एक विवादास्पद और महत्वपूर्ण राजनेता बने हुए हैं।
प्रारंभिक जीवन और राजनीतिक करियर
कार्ल्स पुइगडेमोंट का जन्म 29 दिसंबर, 1962 को कैटेलोनिया के अमेरिक (Amer) नामक गांव में हुआ था। उन्होंने पत्रकारिता की पढ़ाई की और अपना करियर एक पत्रकार के रूप में शुरू किया। पत्रकारिता में उन्होंने काफी समय बिताया और कैटेलोनिया के स्वतंत्रता आंदोलन के प्रति गहरी रुचि विकसित की।1990 के दशक में, पुइगडेमोंट ने राजनीति में प्रवेश किया और कैटेलोनिया की स्वतंत्रता का समर्थन करने वाले कई संगठनों से जुड़े। वे धीरे-धीरे कैटेलोनिया में एक प्रमुख राजनेता बन गए। 2006 में, उन्होंने कैटेलोनिया की संसद के लिए चुनाव लड़ा और निर्वाचित हुए। 2011 में, वे गिरोना के मेयर बने और 2016 में, उन्हें कैटेलोनिया का राष्ट्रपति नियुक्त किया गया।
कैटेलोनिया का स्वतंत्रता जनमत संग्रह
1 अक्टूबर, 2017 को, कार्ल्स पुइगडेमोंट की सरकार ने कैटेलोनिया में एक स्वतंत्रता जनमत संग्रह का आयोजन किया, जिसे स्पेन की राष्ट्रीय सरकार और अदालतों ने अवैध घोषित कर दिया था। जनमत संग्रह के दौरान हिंसा और टकराव हुआ, लेकिन कैटेलोनिया की जनता ने भारी संख्या में मतदान किया। परिणामस्वरूप, पुइगडेमोंट ने कैटेलोनिया की स्वतंत्रता की घोषणा की, लेकिन इस कदम ने स्पेन की सरकार को नाराज कर दिया। जनमत संग्रह के बाद, स्पेन की सरकार ने पुइगडेमोंट और उनके साथी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की। पुइगडेमोंट को राष्ट्रपति पद से हटा दिया गया और उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया। गिरफ्तारी से बचने के लिए, पुइगडेमोंट बेल्जियम भाग गए, जहां उन्होंने राजनीतिक शरण मांगी। स्पेन की न्याय प्रणाली ने उनके खिलाफ कई आरोप लगाए, जिनमें राजद्रोह और सरकारी धन का दुरुपयोग शामिल है। हालांकि, पुइगडेमोंट को यूरोप की विभिन्न अदालतों में कानूनी सुरक्षा मिली और वे बेल्जियम में रहते हुए यूरोपियन संसद के सदस्य भी बने।