Edited By Tanuja,Updated: 20 May, 2018 02:29 PM
रूस ने आज फिर अपनी ताकत का प्रदर्शन करते हुए अपना पहला एेसा परमाणु संयंत्र दुनिया को दिखाया जो पानी में तैरता है और अब तक किसी देश के पास नहीं है। रूस ने यह एटमी पावर स्टेशन (परमाणु संयंत्र) सेंट पीटर्सबर्ग में तैयार किया है...
मुरमैन्स्कः रूस ने आज फिर अपनी ताकत का प्रदर्शन करते हुए अपना पहला एेसा परमाणु संयंत्र दुनिया को दिखाया जो पानी में तैरता है और अब तक किसी देश के पास नहीं है। रूस ने यह एटमी पावर स्टेशन (परमाणु संयंत्र) सेंट पीटर्सबर्ग में तैयार किया है जहां से शनिवार को यह मुरमैन्स्क पहुंचा। यहां परमाणु ईधन लोड होने के बाद यह पूर्वी साइबेरिया के लिए रवाना होगा। अगले साल तक इसे उत्तर-पूर्व में स्थित पेवेक बंदरगाह ले जाया जाएगा। इस स्टेशन का नाम एकेडेमिक लोमोनोसोव है, जो 2 लाख आबादी वाले शहर के लिए बिजली पैदा करने की क्षमता रखता है।
रूस के इस परमाणु ऊर्जा संयंत्र की लंबाई 144 मीटर, चौड़ाई 30 मीटर और वजन 21,000 टन है। इसमें 35 मेगावाट के दो न्यूक्लियर रिएक्टर हैं, जो रिएक्टर बर्फ के पहाड़ों को काटने वाले आइसब्रेकर शिप के रिएक्टर की तरह हैं। संयंत्र की क्षमता इतनी है कि यह 2 लाख आबादी वाले शहर के लिए बिजली पैदा कर सकता है। इस तैरते हुए संयंत्र से दूरदराज के इलाकों में गैस और तेल उत्खनन प्लेटफार्मों को बिजली मिलेगी।
ऑपरेशन इंचार्ज ने बताया कि ऐसे रिएक्टर की मदद से सालाना 50 हजार टन कार्बन डाइ ऑक्साइड का उत्सर्जन रोका जा सकता है। पर्यावरणविदों इस संयंत्र को न्यूक्लियर टाइटैनिक बता चुके हैं। वहीं, ग्रीनपीस ने एकेडेमिक लोमोनोसोव को तैरता हुआ चेर्नोबिल करार दिया। विशेषज्ञों का कहना है कि आर्कटिक महासागर में तैरते हुए परमाणु रिएक्टर यहां के मौसम और हवाओं को देखते हुए खतरनाक हो सकते हैं।