इस देश में माता-पिता से बच्चों को पीटने का 59 साल पुराना अधिकार छिना, विरोध शुरू

Edited By Tanuja,Updated: 25 May, 2019 05:21 PM

s korean parents upset by plan to stop them beating their kids

दक्षिण कोरिया में सरकार ने 59 साल पुराने कानून को खत्म करने की घोषणा की है।अब यहां माता-पिता अपने बच्चों की पिटाई नहीं कर पाएंगे...

सियोलः दक्षिण कोरिया में सरकार ने 59 साल पुराने कानून को खत्म करने की घोषणा की है।अब यहां माता-पिता अपने बच्चों की पिटाई नहीं कर पाएंगे। इस कानून के तहत माता-पिता को बच्चों को सजा देने का अधिकार मिला हुआ है। इस मामले पर सामाजिक कल्याण मंत्री पार्क नेउंग-हू का कहना है कि अधिकतर लोग इस बात को मानते हैं कि बच्चों के खिलाफ होने वाली हिंसा एक गंभीर सामाजिक समस्या है। लोग बच्चों को शारिरिक सजा देना अच्छा नहीं मानते हैं।

इस सोच को अब मंत्रालय बदलेगा। मंत्री की इस घोषणा के बाद से लोगों ने इसका विरोध करना भी शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि कई बार बच्चों को सुधारने के लिए उनकी पिटाई करना जरूरी हो जाता है। इस कानून का विरोध पैरेंट एसोसिएशन की प्रमुख ली क्यूंग-जा ने भी किया है। क्यूंग-जा का कहना है, "मैं अपने बच्चों की पिटाई करूंगी चाहे फिर इसके लिए मुझे सजा ही क्यों ना हो जाए।" एक अन्य अभिभावक का कहना है, "बच्चा हमारा है और उनकी जिम्मदेदारी भी हमारी है। सरकार घरेलू मामलों में दखल देने वाली कौन होती है। अगर वो अपने माता-पिता की बात नहीं मानेंगे और हम उन्हें पीट भी नहीं पाएंगे, तो फिर वो सुधरेंगे कैसे?"

दक्षिण कोरिया में साल 1960 में ये कानून आया था कि माता-पिता अपने बच्चों को अनुशासित रखने के लिए उनकी पिटाई कर सकते हैं। स्कूल में भी ये कानून साल 2010 तक लागू था। दक्षिण कोरिया में परिवार में बच्चों से मारपीट के मामले बढ़ते जा रहे हैं। 2001 से 2017 के बीच बच्चों के खिलाफ अपराध के बहुत से मामले सामने आए। जिनमें 22 हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए थे। इनमें 77 फीसदी आरोपी माता-पिता ही थे।

यहां हुए एक सर्वे में भी ये बात सामने आई है कि 76 फीसदी लोग बच्चाें काे मारना-पीटना जरूरी मानते हैं। भारत में भी 2009 में सरकार ने छात्रों को शारीरिक सजा देने पर प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना जारी की थी। इसमें कहा गया है कि स्कूलों में बच्चों को अनुशासनात्मक कारणों से शारीरिक सजा देना गलत है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी शारीरिक सजा पर राेक लगाई गई है।

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