Edited By Tanuja,Updated: 17 Dec, 2018 02:13 PM
सऊदी अरब ने अमेरिकी सीनेट के उस बयान की निंदा की है जिसमें सीनेटरों ने कहा था कि वह यमन की लड़ाई में सऊदी की भागीदारी के समर्थन में नहीं हैं और न ही वह सऊदी को हथियारों की बिक्री का समर्थन करते हैं...
दुबईः सऊदी अरब ने अमेरिकी सीनेट के उस बयान की निंदा की है जिसमें सीनेटरों ने कहा था कि वह यमन की लड़ाई में सऊदी की भागीदारी के समर्थन में नहीं हैं और न ही वह सऊदी को हथियारों की बिक्री का समर्थन करते हैं। वह ऐसा तब तक करते रहेंगे जब तक सऊदी प्रिंस सत्ता में रहते हैं। इसके अलावा सऊदी ने एक और मुद्दे पर अमेरिकी सीनेट की आलोचना की है, जिसमें सीनेटरों ने कहा था कि जमाल खशोगी हत्या मामले में सीआईए की रिपोर्ट के बाद से अब उन्हें पहले से अधिक यकीन हो गया है कि इस हत्या में सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का ही हाथ था।
सऊदी के विदेश मंत्रालय ने सीनेटरों के बयानों को हस्तक्षेप और झूठे आरोप करार दिया है। गुरुवार को भी सीनेटरों ने किसी कानून के बारे में तो कुछ नहीं कहा लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को संदेश दिया कि अमेरिकी सांसद सऊदी की योजनाओं के खिलाफ हैं। बता दें लापता सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी को लेकर वाशिंगटन पोस्ट की खबर में एक नया खुलासा हुआ था कि पत्रकार को निशाना बनाने के लिए सऊदी के प्रिंस ने ऑपरेशन का आदेश दिया था। खशोगी की मंगेतर ने इस मामले में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मदद की गुहार लगाई थी।
उन्होंने वाशिंगटन पोस्ट के जरिए अपील की थी कि वह अपने सिद्दांतों के लिए लड़ते थे। खशोगी इसी अखबार के लिए स्तंभ लिखते थे। वह सऊदी अरब के खिलाफ भी बड़े पैमाने पर लिखते थे। जिसमें यमन युद्ध की आलोचना, कनाडा के साथ राजनयिक विवाद शामिल है। इन सभी मुद्दों ने प्रिंस मोहम्मद की छवि को नुकसान पहुंचाया।