Edited By Tanuja,Updated: 19 Apr, 2018 12:02 PM
सऊदी अरब उम्मीद से ज्यादा तेजी से बदल रहा है। सऊदी अरब के युवा क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के फैसले कारण देश में बदलाव की आंधी चल रही है। 18 अप्रैल को सऊदी अरब में साढ़े तीन दशक बाद यानि 35 साल से सिनेमाघरों पर लगे बैन से आजादी मिली और...
रियादः सऊदी अरब उम्मीद से ज्यादा तेजी से बदल रहा है। सऊदी के युवा क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के फैसले कारण देश में बदलाव की आंधी चल रही है। 18 अप्रैल को सऊदी अरब में साढ़े तीन दशक बाद यानि 35 साल से सिनेमाघरों पर लगे बैन से आजादी मिली और सावर्जनिक थिएटर में हॉलीवुड फिल्म ब्लैक पैंथर दिखाई गई।
अब यहां महिला व पुरुष एक साथ सिनेमा देखने का आनंद उठा सकेंगे। लोगों ने इस खुशी को सोशल मीडिया पर भी सेलिब्रेट किया। वहां की सत्ता का कहना है कि आर्थिक विकास और एंटरटेनमैंट इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए ये कदम जरूरी हैं। सऊदी में 70 के दशक में कुछ सिनेमाघर थे लेकिन इस्लामिक रीति-रिवाज को देखते हुए बैन लगा दिया गया था। अब एएमसी एंटरटेनमैंट को सिनेमाघर चलाने के लिए पहला लाइसैंस दिया गया है। अगले पांच साल में सऊदी अरब के 15 शहरों में 40 से ज्यादा सिनेमाघरों शुरू करने की योजना है।
इस कवायद में सबसे ज्यादा फायदा देश की उस आबादी को हुआ है जो अब तक खुद को दबा हुआ महसूस करती थी। खासकर महिलाओं को। 33 साल के क्राउन प्रिंस ने रूढ़िवादी राजशाही के तौर पर पहचाने जाने वाले देश सऊदी अरब का सामाजिक ढांचा बदलने की पुरजोर कोशिश की । इनकी ये पहल ‘नेशनल ट्रांसफॉर्मेशन प्रोग्राम 2020’ और ‘विजन 2030’ का हिस्सा हैं जिसका रोडमैप साल 2016 में खींचा गया था। यहां महिलाओं के लिए कार चलाना या स्टेडियम में फुटबॉल मैच में सीटी बजाने की कल्पना तक मुमकिन नहीं थी लेकिन अब ये सब हकीकत है।