Edited By Anil dev,Updated: 18 Sep, 2018 02:03 PM
वैज्ञानिकों ने कहा है कि यदि बच्चों को उनके जीवन के शुरुआती दो वर्षों में बुखार आने पर पैरासिटामोल दवा दी जाती है, तो 18 साल की उम्र तक आते-आते उन्हें दमा होने का खतरा बढ़ जाता है। शोधार्थियों ने कहा है कि पैरासिटामोल खाने से दमा होने का खतरा उन...
मेलबर्न: वैज्ञानिकों ने कहा है कि यदि बच्चों को उनके जीवन के शुरुआती दो वर्षों में बुखार आने पर पैरासिटामोल दवा दी जाती है, तो 18 साल की उम्र तक आते-आते उन्हें दमा होने का खतरा बढ़ जाता है। शोधार्थियों ने कहा है कि पैरासिटामोल खाने से दमा होने का खतरा उन लोगों में ज्यादा है, जिनमें जीएसटीपी1 जीन होती है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि पैरासिटामोल और दमा के बीच भले ही गहरा संबंध है, लेकिन ऐसा भी नहीं है कि बुखार की दवा लेने से लोगों को दमा हो जाए।
वैज्ञानिकों का मानना है कि इस परिणाम की पुष्टि करने के लिए अभी और शोध करने की जरूरत है। इस निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए शोधार्थियों ने 620 बच्चों का अध्ययन किया। इनमें 18 वर्ष तक के किशोर भी शामिल थे। इस अध्ययन में शामिल किए गए सभी बच्चों के कम से कम एक परिजन को दमा, एग्जीमा (त्वचा रोग) या अन्य एलर्जी संबंधी बीमारी जरूर थी।