130 साल बाद बेनकाब हुआ सीरियल किलर, वेश्याओं की हत्या के बाद करता था दरिंदगी

Edited By Tanuja,Updated: 19 Mar, 2019 03:12 PM

scientists claim dna evidence reveals the identity of jack the ripper

वेश्याओं की हत्या कर उनके शरीर के अंग निकालने वाले हत्यारे का पता घटना के 100 साल से ज्यादा समय बीतने के बाद लगा लिया गया है। जांचकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने सन 1888 के दौरान हत्याएं करने वाले सीरियल किलर ''जैक द रिपर'' को आखिरकार बेनकाब कर दिया...

लंदनः वेश्याओं की हत्या कर उनके शरीर के अंग निकालने वाले हत्यारे का पता घटना के 100 साल से ज्यादा समय बीतने के बाद लगा लिया गया है। जांचकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने सन 1888 के दौरान हत्याएं करने वाले सीरियल किलर 'जैक द रिपर' को आखिरकार बेनकाब कर दिया है। लंदन में 1888 के समय इस सीरियल किलर का काफी खौफ था। हत्यारा सिर्फ वेश्याओं को ही अपना शिकार बनाता था। चौंकाने वाली बात यह है कि इस हत्याओं का खुलासा होने में 100 साल से भी ज्यादा का समय लगा। वैज्ञानिकों का दावा है कि उन्होंने डीएनए मैच के आधार पर पिछले हफ्ते ही यह खुलासा किया है।

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हत्यारा हत्या के बाद शव का कोई न कोई अंग गायब कर देता था। करीब 130 साल पहले सीरियल किलर द्वारा मारी गई पांच पीड़ितों के पास से मिले शॉल से डीएनए लिया गया, जो 23 साल के एरन कॉसमिंस्की नाम के एक नाई से मैच कर रहा है। पहले भी जांचकर्ताओं ने उसे मुख्य आरोपी माना था, लेकिन पर्याप्त सबूत न होने से उसे छोड़ दिया गया था। लेकिन अब इस हत्यारे के खिलाफ डीएनए टेस्ट के जरिए सबूत मिल गया है। इस केस के बंद होने के बाद इस मामले में छपे सबसे ताजा स्टडी में यह बात कही गई है। रिसर्चर्स का कहना है कि 1888 में कैथरीन एडवर्स नाम की मृतक महिला के पास से एक सिल्क का शॉल मिला था, जिस पर खून और वीर्य के निशान थे। वैज्ञानिकों का दावा है कि यह डीएनए एरन के डीएनए से पूरी तरह मैच करता है।


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यूनिवर्सिटी ऑफ लीड्स और लीवरपूल जॉन मूर्स यूनिवर्सिटी के जारी लोहेलमेन की तरफ से पब्लिश किए गए रिसर्च पेपर्स में यह खुलासा किया गया है। उन्होंने अपनी रिसर्च में यह भी लिखा है कि हत्यारे के भूरे बाल और भूरी आंखें थीं। उन्होंने लिखा, 'हत्यारे की पहचान आज तक एक रहस्य थी। अब हमारी रिसर्च के आधार पर यह सबूत इकलौता ऐसा सबूत है, जो सीधे तौर पर हत्यारे से जुड़ा है।' बताया जाता है कि हत्यारे ने एक के बाद एक पांच महिलाओं की हत्या की और उनके साथ बर्बता की। बताया जाता है कि वह जिसे भी मारता था, उसका एक अंग गायब मिलता था।

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जानकारों का कहना है कि हत्यारा जिस तरह से मर्डर के बाद उनके अंग निकालता था, उससे हत्यारे के डॉक्टर होने पर भी शक जाता था। खबरों की मानें तो 3 अप्रैल 1888 से 13 फरवरी 1891 के बीच करीब 11 हत्याएं लंदन में हुई। पुलिस ने अपनी जांच में पांच हत्याओं में समानता पाई। इस आधार पर पुलिस ने माना कि ये पांच हत्याएं किसी एक व्यक्ति ने ही की हैं। 3 अप्रैल 1888 को हुई हत्या में हत्यारे ने महिला के प्राइवेट पार्ट में औजार डालकर उसे काटा भी था।


 

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