वैज्ञानिकों को कोविड-19 रोगियों के इलाज में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का खास फायदा नहीं दिखा

Edited By Pardeep,Updated: 06 Jun, 2020 10:28 PM

scientists did not see the benefit of hydroxychloroquine in treating patients

वैज्ञानिकों ने पाया है कि कोविड-19 रोगियों के इलाज के दौरान एंटीबायोटिक एजिथ्रोमाइसिन के साथ और इसके बिना हाईड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के इस्तेमाल से न तो उन्हें वेंटिलेटर पर भेजने का खतरा कम हुआ और न ही जान के खतरे में कमी आई। ''मेड'' नामक जर्नल में...

वाशिंगटनः वैज्ञानिकों ने पाया है कि कोविड-19 रोगियों के इलाज के दौरान एंटीबायोटिक एजिथ्रोमाइसिन के साथ और इसके बिना हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के इस्तेमाल से न तो उन्हें वेंटिलेटर पर भेजने का खतरा कम हुआ और न ही जान के खतरे में कमी आई। 'मेड' नामक जर्नल में प्रकाशित यह विश्लेषण, अमेरिका में कोविड-19 रोगियों पर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के प्रभाव से जुड़े नतीजों पर आधारित पहला विश्लेषण है। 
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अनुसंधानकर्ताओं ने कहा, ''अस्पताल में भर्ती कोविड-19 रोगियों पर किये गए अध्ययन में सामने आया कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा, एंटीबायोटिक एजिथ्रोमाइसिन के साथ और इसके बिना दिये जाने पर न तो वेंटिलेटर पर जाने और न ही जान के खतरे में कमी आई। '' 
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इस शोध में अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनिया स्कूल ऑफ मेडिसिन के वैज्ञानिक भी शामिल थे। वैज्ञानिकों के अनुसार देश भर के वेटरन्स अफेयर्स मेडिकल सेंटरों में भर्ती 807 कोविड-19 संक्रमित रोगियों के डेटा का आकलन किया गया। उन्होंने कहा कि लगभग आधे रोगी जबतक अस्पताल में रहे तब तक उन्हें कभी भी हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा नहीं दी गई। 

शोध में कहा गया है कि 198 रोगियों को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा दी गई और 214 रोगियों को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन तथा एजिथ्रोमाइसिन दोनों दवाएं एक साथ दी गईं। शोध में कहा गया है कि इनमे से 86 प्रतिशत रोगियों को वेंटिलेटर पर रखने से पहले हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दी गई, लेकिन फिर भी उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ा। इसके अलावा उनकी जान जाने का खतरा भी कम नहीं हुआ। भाषा जोहेब उमा

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