वैज्ञानिकों ने खोज निकाली आइसक्रीम की तरह पिघलने वाली जादुई मछली

Edited By Tanuja,Updated: 13 Sep, 2018 11:57 AM

scientists have found magical fish in pacific ocean

वैज्ञानिकों ने पानी की सतह पर आते ही पिघलने वाली मछली ढूंढने में सफलता पाई है है। मछली की इस रहस्यमयी प्रजाति को प्रशांत महासागर में आठ किमी नीचे पाया गया...

मेलबर्नः वैज्ञानिकों ने पानी की सतह पर आते ही पिघलने वाली मछली ढूंढने में सफलता पाई है है। मछली की इस रहस्यमयी प्रजाति को प्रशांत महासागर में आठ किमी नीचे पाया गया। वैज्ञानिकों को अब तक अज्ञात रही स्नेलफिश की तीन प्रजातियां मिली हैं। इन नई प्रजातियों की खासियत यह है कि यदि इन्हें पानी की सतह पर लाया जाए तो पिघलने लगेंगी। ये मछलियां बहुत कमजोर और जेली सरीखे ढांचे से बनी हैं। इनका रंग भी देखने में विचित्र है। आटाकामा गर्त में एक साहसिक यात्रा के दौरान ये मछलियां मिलीं। 

पेरू और चिली के तट से 160 किमी दूर महासागर की तलहटी में इन्हें पाया गया। मजेदार बात यह रही कि वैज्ञानिक कैमरे की सहायता से साढ़े सात हजार मीटर नीचे तैरने वाली इन मछलियों के फोटो लेने में सफल रहे।इसके बाद वैज्ञानिकों ने स्नेलफिश के नाम से जानी जाने वाली इन मछलियों को पकड़ने का सफल प्रयास किया। समुद्र के नीचे ठंडे जल में रहने वाली ये मछलियां सतह पर आते ही आइसक्रीम की तरह पिघलने लगती हैं। हालांकि समुद्र की तलहटी में ये बहुत सक्रिय रहती हैं। इन्हें देखने से यह भी साफ हो जाता है कि इनको भोजन के संकट से नहीं गुजरना पड़ता है। 

पहली नजर में बेहद नाजुक दिखने वाली स्नेलफिश भारी पानी के दबाव को भी आसानी से सहने में सक्षम है। इनकी जेलीनुमा संरचना के कारण ही इतना भार सहन कर पाना संभव है। इन मछलियों की सबसे मजबूत हड्डी इनके कानों और दांतों में होती है। कानों की हड्डी के सहारे इन मछलियां में संतुलन स्थापित करने की अद्भुत क्षमता होती है। भारी दबाव और ठंड के अभाव में (जैसे कि - समुद्र की सतह) ये मछलियां अपने आप पिघलने लगती हैं।   

 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!