बीमारी से लड़ते हुए खोजे ब्रह्मांड के रहस्य, एेसा था स्टीफन की जिंदगी का सफर

Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Mar, 2018 11:33 AM

seeking to fight with illness the mysteries of the universe

विश्व प्रसिद्ध महान वैज्ञानिक प्रोफेसर स्टीफन हॉकिंग का 76 साल की उम्र में निधन हो गया है। स्टीफन हॉकिंग ने शारीरिक अक्षमताओं के बावजूद ये साबित किया था कि अगर इंसान में इच्छाशक्ति हो, कुछ करने का जज्बा हो, तो वो कुछ भी कर सकता है।

लंदनः विश्व प्रसिद्ध महान वैज्ञानिक प्रोफेसर स्टीफन हॉकिंग का 76 साल की उम्र में निधन हो गया है। स्टीफन हॉकिंग ने शारीरिक अक्षमताओं के बावजूद ये साबित किया था कि अगर इंसान में इच्छाशक्ति हो, कुछ करने का जज्बा हो, तो वो कुछ भी कर सकता है। उनका निधन आज तड़के हुआ।

उन्होंने एक बार कहा था- पिछले 49 सालों से मैं मरने का अनुमान लगा रहा हूं। मैं मौत से डरता नहीं हूं। मुझे मरने की कोई जल्दी नहीं है। उससे पहले मुझे बहुत सारे काम करने हैं। जब डाक्टरों को उनकी बीमारी के बारे में पता चला था तो उस वक्त डॉक्टरों ने उन्हों कहा था कि वे सिर्फ 2 या 3 साल ही जी पाएंगे लेकिन अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति से उन्होंने इस बीमारी को हरा दिया।
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चश्मे पर लगे सेंसर को कम्प्यूटर से जोड़कर करते थे बात
ये बहुत दिल्चस्प है कि जिस इंसान का सिर्फ दिमाग ही काम करता हो और कोई शरीर का अँग न चले तो वो किस तरह काम कर सकेगा। स्टीफन की बीमारी बढ़ने पर उन्हें व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ा। उनकी व्हीलचेयर आखों, हाथों के कंपन से ये जानकारी दे देती थी कि वे क्या बोलना चाहते है। अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि ”मैं अपने गाल की मांसपेशी के जरिए, अपने चश्मे पर लगे सेंसर को कम्प्यूटर से जोड़कर ही बातचीत करता हूं”।   

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21 साल की उम्र में हुई थी बीमारी
हमेशा व्हीलचेयर पर दिखने वाले स्टीफन एक महान वैज्ञानिक रहे हैं। अल्बर्ट आइंसटीन के बाद उनकी गिनती सबसे बड़े भौतिकशास्त्रियों में होती है। इनका जन्म इंग्लैंड में 8 जनवरी 1942 को हुआ था। स्टीफन हॉकिंग को मोटर न्यूरोन की बीमारी थी, जो उन्हें 21 साल की उम्र में हुई थी। यहां तक कि स्टीफन हॉकिंग के शरीर की सभी मांसपेशियों से उनका नियंत्रण खो गया। उनका कोई भी अंग काम नहीं करता था।
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दिमाग को छोड़कर कोई अंग नहीं करता था काम 
बता दें कि स्टीफन हॉकिंग के दिमाग को छोड़कर उनके शरीर का कोई भी भाग काम नहीं करता थाय़ यहां तक कि स्टीफन हॉकिंग ने इस बीमारी से लड़ते हुए बड़े-बड़े वैज्ञानिक खोज किए और ब्रह्मांड के रहस्यों को सुलझाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वे आखिरी वक्त तक पढ़ाने के लिए यूनिवर्सिटी जाते रहे। 
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स्टीफन को मिल चुका अमरीका का सबसे उच्च नागरिक सम्मान
ब्लैक होल और बिग बैंग थ्योरी को समझने में उन्होंने अहम योगदान दिया है। उनके पास 12 मानद डिग्रियां हैं और अमरीका का सबसे उच्च नागरिक सम्मान उन्हें दिया गया। 1974 में ब्लैक हॉल्स पर किए गए उनके रिसर्च ने इस पर आधारित थ्योरी को ही मोड़ दिया था। उनकी ‘अ ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम’ किताब दुनियाभर में बेहद पसंद की गई थी।

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