Edited By Tanuja,Updated: 19 Apr, 2022 04:29 PM
चीन और सोलोमन द्वीपसमूह के बीच संभावित सुरक्षा करार के बीच अमेरिका अपने दो शीर्ष अधिकारियों को सोलोमन भेज रहा है। पिछले...
इंटरनेशनल डेस्कः चीन और सोलोमन द्वीपसमूह के बीच संभावित सुरक्षा करार के बीच अमेरिका अपने दो शीर्ष अधिकारियों को सोलोमन भेज रहा है। पिछले सप्ताह ऑस्ट्रेलिया के सीनेटर जेड सेसेल्जा ने सोलोमन द्वीप का दौरा किया था, जिसके बाद उन्होंने कहा था कि चीन दक्षिण प्रशांत में स्थित इस द्वीपसमूह में सैन्य मौजूदगी स्थापित कर सकता है।
व्हाइट हाउस ने सोमवार को कहा कि इस सप्ताह के अंत में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के हिन्द-प्रशांत समन्वयक कर्ट कैंपबेल और पूर्वी एशिया व प्रशांत मामलों के सहायक विदेश मंत्री डेनियल क्रिटेनब्रिंक सोलोमन जाने वाले अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करेंगे और वे फिजी तथा पापुआ न्यू गिनी भी जाएंगे। अमेरिका ने यह कदम पिछले महीने सोलोमन और चीन के बीच सुरक्षा समझौते को लेकर बनी मसौदा सहमति के मद्देनजर उठाया है। सोलोमन ने कहा था कि वह जल्द ही समझौते के अंतिम संस्करण पर हस्ताक्षर करेगा।
ऑनलाइन लीक हुए मसौदा समझौते में कहा गया है कि चीन के लड़ाकू पोत सोलोमन में रुक सकेंगे और चीन ''सामाजिक व्यवस्था बनाए रखने में मदद के लिए'' पुलिस और सशस्त्र बल सोलोमन भेज सकता है। सोलोमन ने कहा है कि इसका मतलब यह नहीं है कि चीन वहां सैन्य अड्डा स्थापित करेगा। हालांकि कई पड़ोसी और पश्चिमी देश इस समझौते को लेकर चिंतित हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि समझौता सोलोमन द्वीप समूह को अस्थिर कर सकता है। प्राइस ने कहा, ''सोलोमन द्वीपसमूह की सरकार की टिप्पणियों के बावजूद यह समझौता मोटे तौर पर चीन को द्वीपसमूह में सैन्य बलों की तैनाती का अवसर प्रदान करेगा।''