Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Aug, 2017 12:32 AM
उसके कार्यक्षेत्र का मकसद लोगों के प्राण की रक्षा करना था लेकिन उसके लिए तो ये पेशा लोगों की जान बचाने की जगह उन्हें मौत के घाट उतरने का था..
बर्लिनः पेशे से वो सेवा के क्षेत्र से जुड़ा था। उसके कार्यक्षेत्र का मकसद लोगों के प्राण की रक्षा करना था लेकिन उसके लिए तो ये पेशा लोगों की जान बचाने की जगह उन्हें मौत के घाट उतरने का था। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जर्मनी में दहला देने वाली सिलसिलेवार हत्याओं का मामला सामने आया है। इसमें एक पुरुष नर्स ने 90 लोगों को लीथल ड्रग के ओवरडोज से मार डाला। यह सनसनीखेज मामला जर्मनी के ब्रेमेन शहर के डेलमेनहॉर्स्ट अस्पताल का है। फिलहाल वह दो लोगों की हत्या और कई लोगों के हत्या के प्रयास के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है।
डेलमेनहॉर्स्ट अस्पताल में नर्स का काम करने वाले नील्स हेजेल (40) की ड्यूटी इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसीयू) में थी। वहीं पर दो मरीजों की हत्या और कई की हत्या के प्रयास में दोषी पाए जाने पर उसे फरवरी 2015 में उम्रकैद की सजा दी गई। इन मामलों के अतिरिक्त पुलिस ने शक के आधार पर उन स्थानों पर हुई मौतों की भी जांच की। जहां दस साल के दौरान नील्स की ड्यूटी रही थी। सोमवार को सामने आई पुलिस रिपोर्ट में बताया गया है कि नील्स पर 90 हत्याओं का पुख्ता शक है। जर्मनी में युद्ध के बाद का यह सबसे बड़ा और खास तरह से हत्या का मामला है।
मुख्य पुलिस जांचकर्ता अर्न स्मिथ ने बताया कि नील्स ने ये हत्याएं अचानक बिना कोई योजना बनाए की थीं। उसने इस दौरान गंभीर रूप से बीमार लोगों को अपना शिकार बनाया। हालांकि अभी 90 लोगों की हत्या किये जाने के सुबूत मिले हैं। कुछ ऐसे मामले भी हैं जिनके सुबूत नहीं मिल सके हैं। स्मिथ ने बताया कि हेजेल ने माना है कि वह गंभीर रूप से बीमार मरीज को लीथल इंजेक्शन लगाता था। इससे उसका हार्ट फेल हो जाता था या रक्त संचार तंत्र काम करना बंद कर देता था।
इसके बाद नील्स दिखावे के तौर पर मरीज का हार्ट पंप करने लगता था या उसे अन्य तरह की चिकित्सा सुविधाएं देने लगता था। मरीज के मरने तक वह यह सब करता रहता था। मुख्य जांचकर्ता ने बताया कि 130 शवों को कब्र से निकालकर उनका परीक्षण कराया गया। जांच में ज्यादातर की मौत जानलेेवा ड्रग की अत्यधिक मात्रा से होना पाया गया।