विवादित अमेरिकी वैज्ञानिक का दावा- डॉ. फाउची ने ही बनाया कोरोना वायरस, फिर भेजा चीन

Edited By Tanuja,Updated: 26 Jul, 2020 05:09 PM

sinclair pulls show off air that featured conspiracy theory about dr fauci

सिनक्लेयर ब्रॉडकास्ट ग्रुप ने शनिवार को कहा कि वह अपने ‘‘अमेरिका दिस वीक'''' के उस संस्करण को वापस ले रहा है जिसमें शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ...

न्यूयार्क: कोरोना वायरस फैलने  को लेकर एक नया प्रपोगंडा सामने आने पर बवाल मच सकता है। इस बार निशाना चीन  नहीं बल्कि अमेरिका और उसके वैज्ञानिक शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ डा. एंथनी फाउची हैं। एक विवादित पूर्व अमेरिकी शोध वैज्ञानिक ने अपने साक्षात्कार में कहा है कि डॉ फाउची ने ही कोरोना वायरस तैयार किया और उसे चीन भेजा। 

 

इस बीच सिनक्लेयर ब्रॉडकास्ट ग्रुप ने शनिवार को कहा कि वह अपने ‘‘अमेरिका दिस वीक'' के उस संस्करण को वापस ले रहा है जिसमें शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ डा. एंथनी फाउची और कोरोना वायरस से जुड़ी कथित साजिश की थ्योरी पर चर्चा की गई थी। सिनक्लेयर के प्रवक्ता माइकल पाडोवानो ने कहा कि सिनक्लेयर को कार्यक्रम में संदर्भ तथा अन्य विचारों को जोड़ कर इस विवादास्पद संस्करण को ‘‘अमेरिका दिस वीक'' के अगले सप्ताह प्रसारित करने की उम्मीद है। देश के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ डा. फाउची ने एक नये पोडकास्ट में उन्हें मिल रही गंभीर धमकियों और घृणा भरे ईमेल पर विस्तार से चर्चा की।

 

‘‘अमेरिका दिस वीक'' के प्रस्तोता एरिक बॉलिंग हैं । इस सप्ताहांत शो में एक पूर्व अमेरिकी शोध वैज्ञानिक जूडी मिकोविट्स जो अपने बदनाम चिकित्सा दावों के लिए जानी जाती हैं  और उनके वकील लैरी क्लैमैन का साक्षात्कार दिखाया गया। टीका विरोधी कार्यकता मिकोविट्स का मानना है कि डॉ फाउची ने ही  कोरोना वायरस तैयार किया और उसे चीन भेजा। हालांकि इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि वायरस को प्रयोगशाला में बनाया गया है। जूडी मिकोविट्स ने ही विवादास्पद वीडियो ‘‘प्लेंडेमिक'' बनाया था।

 

संस्करण में बॉलिंग ने इस दावे पर कोई संदेह नहीं व्यक्त किया और न ही इसकी सत्यता की जांच के लिए कोई साक्ष्य पेश करते नजर आए। इसी संस्करण में उन्होंने रेडियोलॉजिस्ट डॉ निकोल सफायर से बात की जिन्होंने कहा कि ‘‘उन्हें नहीं लगता कि फाउची कहीं भी और किसी भी तरीके से इस वायरस को बनाने में शामिल हैं।'' ‘‘प्लेंडमिक'' वीडियो 26 मिनट का है और इसमें ऐसी कई थ्योरी पेश की गई हैं जिन पर प्रश्न उठना स्वाभाविक हैं और जो खतरनाक भी साबित हो सकती हैं।

 

पॉयन्टर इंस्टीट्यूट में वरिष्ठ उपाध्यक्ष और आचार विशेषज्ञ केली मैकब्राइड ने शनिवार को कहा कि इस तरह के विवादास्पद सिद्धांतों को केवल तभी प्रस्तुत किया जाना चाहिए जब उनकी सटीकता की पूरी तरह से जांच परख हो जाए। सिनक्लेयर ने संस्करण को वापस लेने से पहले ट्वीट किया कि वह मिकोविट्स की थ्योरी का समर्थन नहीं करता।  

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