समलैंगिकता पर भारत के फैसले को लेकर सिंगापुर में छिड़ी बहस

Edited By Pardeep,Updated: 08 Sep, 2018 05:21 AM

singapore s debate over india s decision on homosexuality

भारत में समलैंगिक लोगों के आपसी सहमति से यौन संबंध बनाने को अपराध के दायरे से बाहर करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले को लेकर सिंगापुर में बहस छिड़ गई है। कानून एवं गृह मामलों के मंत्री के. षणमुगम ने कहा कि समाज को फैसला करना है कि वह सामाजिक मूल्यों...

सिंगापुरः भारत में समलैंगिक लोगों के आपसी सहमति से यौन संबंध बनाने को अपराध के दायरे से बाहर करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले को लेकर सिंगापुर में बहस छिड़ गई है। कानून एवं गृह मामलों के मंत्री के. षणमुगम ने कहा कि समाज को फैसला करना है कि वह सामाजिक मूल्यों से संबंधित मुद्दे पर किस दिशा में जाना चाहता है।

भारत के उच्चतम न्यायालय के फैसले बारे पूछे जाने पर षणमुगम ने कहा, ‘‘सिंगापुर में अगर आप इस मुद्दे को देखोगे तो इसे लेकर समाज काफी बंटा हुआ है। ज्यादातर लोग धारा 377-ए में किसी भी बदलाव का विरोध करते हैं। वे इसे हटाने के विरोध में है।’’ बहरहाल, भारतीय मूल के वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि ‘बढ़ते अल्पसंख्यक’ इसे निरस्त करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार बीच में है। साथ ही उन्होंने कहा कि लेकिन मेरे लिए अपने निजी विचार समाज पर थोपना गलत होगा।

 

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