Edited By ,Updated: 08 Jan, 2017 02:37 PM
नासा के एक अध्ययन में पता चला है कि शक्तिशाली सौर तूफान चंद्रमा के धु्रवों के पास ठंडे और स्थाई तौर पर छाया वाले क्षेत्रों की सतह को उष्मा प्रदान कर सकते हैं और इन तूफानों से एेसी ‘चिंगारियां’ निकलने की भी संभावना होती है जो चंद्रमा की सतही मिट्टी...
वाशिंगटन: नासा के एक अध्ययन में पता चला है कि शक्तिशाली सौर तूफान चंद्रमा के धु्रवों के पास ठंडे और स्थाई तौर पर छाया वाले क्षेत्रों की सतह को उष्मा प्रदान कर सकते हैं और इन तूफानों से एेसी ‘चिंगारियां’ निकलने की भी संभावना होती है जो चंद्रमा की सतही मिट्टी को पिघला या वाष्पीकृत कर सकती है।
इन क्षेत्रों के भविष्य के नमूनों का विश्लेषण करते समय इस तरह के घटनाक्रम के प्रमाण मिल सकते हैं और ये चंद्रमा तथा सौर प्रणाली के इतिहास के लिए अहम हो सकते हैं। चंद्रमा में करीब करीब कोई वातावरण नहीं है, इसलिए इसकी सतह पर कठोर पर्यावरण होता है। अमरीका के यूनीवर्सिटी ऑफ न्यू हैंपशायर के एंड्रयू जॉर्डन ने कहा कि चंद्रमा की सतह का करीब 10 प्रतिशत हिस्सा उल्कापिंडों के प्रभाव से पिघल गया या वाष्पीकृत हो गया। उन्होंने कहा, ‘‘हमने देखा कि चंद्रमा के स्थाई रूप से छाया वाले क्षेत्रों में सौर तूफानों की चिंगारियां भी इतनी ही सतह को पिघला या वाष्पीकृत कर सकती हैं।’’ इस बारे में शोध का प्रकाश इकारस पत्रिका में किया गया है।