Edited By Ashish panwar,Updated: 19 Jan, 2020 07:46 PM
भारत सहित पूरी दुनिया में सोयाबीन तेल का खाने में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है। एक भारतवंशी समेत शोधकर्ताओं के दल ने अध्ययन में पाया है कि इस तेल का दिमाग पर भी असर पड़ सकता है। सोयाबीन तेल के सेवन से ना सिर्फ मोटापा और डायबिटीज बल्कि ऑटिज्म,...
इंटरनेशनस डेस्कः भारत सहित पूरी दुनिया में सोयाबीन तेल का खाने में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है। एक भारतवंशी समेत शोधकर्ताओं के दल ने अध्ययन में पाया है कि इस तेल का दिमाग पर भी असर पड़ सकता है। सोयाबीन तेल के सेवन से ना सिर्फ मोटापा और डायबिटीज बल्कि ऑटिज्म, अल्जाइमर और डिप्रेशन जैसी समस्याओं का खतरा पहले ही पाया जा चुका है। अमेरिका की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार, चूहों पर किए गए एक अध्ययन में मस्तिष्क के हाइपोथेलेमस हिस्से पर सोयाबीन तेल का स्पष्ट प्रभाव पाया गया है। मस्तिष्क के इसी हिस्से में हार्मोन के स्राव समेत कई अहम प्रक्रियाएं होती हैं। शोधकर्ताओं ने सोयाबीन तेल से करीब 100 जीन को प्रभावित पाया। शोधकर्ता पूनमजोत देओल ने कहा, 'अध्ययन के इस नतीजे से सेहतमंद तेल बनाने में मदद मिल सकती है। मैं लोगों को सोयाबीन तेल का कम इस्तेमाल करने की सलाह देती हूं।
शराब से होने वाले नुकसान से हर कोई अवगत है। इसके सेवन से कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं खड़ी हो सकती हैं। अब एक नए अध्ययन के अनुसार, बहुत ज्यादा शराब पीने से मस्तिष्क की संरचना या कार्यक्षमता में बदलाव हो सकता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, शराब पर बढ़ती निर्भरता के लिए नया उपचार तैयार करने के इरादे से दिमाग के ऐसे कई हिस्सों पर गौर किया गया, जिन पर पहले ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया था। अमेरिका के यूसी सैन डिएगो स्कूल ऑफ मेडिसिन के एसोसिएट प्रोफेसर ओलिवियर जॉर्ज ने कहा, 'नशे की लत के संबंध में न्यूरोसाइंस में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, लेकिन ब्रेन सर्किट्स, न्यूरोट्रांसमीटर्स और प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स के बारे में समझ सीमित रही। हमारे नतीजों से इसकी पुष्टि हुई कि लत के संबंध में मस्तिष्क के ये भाग काफी अहम हैं।'