श्रीलंका संकट : हिंसा में सत्तारूढ़ दल के सांसद सहित 3 लोगों की मौत

Edited By Pardeep,Updated: 09 May, 2022 10:10 PM

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श्रीलंका में सोमवार को सरकार समर्थकों और विरोधियों के बीच हुई झड़प में राजपक्षे बंधुओं की सत्तारूढ़ पार्टी के एक सांसद और दो अन्य लोगों

कोलंबोः श्रीलंका में सोमवार को सरकार समर्थकों और विरोधियों के बीच हुई झड़प में राजपक्षे बंधुओं की सत्तारूढ़ पार्टी के एक सांसद और दो अन्य लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि पोलोन्नारुआ जिले से श्रीलंका पोदुजना पेरामुना (एसएलपीपी) के सांसद अमरकीर्ति अतुकोराला (57) को सरकार विरोधी समूह ने पश्चिमी शहर नित्तम्बुआ में घेर लिया था। वहीं, लोगों का दावा है कि सांसद की कार से गोली चली थी और जब आक्रोशित भीड़ ने उन्हें कार से उतारा तो उन्होंने भागकर एक इमारत में शरण ली। लोगों का कहना है कि सांसद ने स्वयं अपनी रिवॉल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। 

कानून व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण से बाहर
पुलिस ने बताया कि इमारत को हजारों लोगों ने घेर रखा था और बाद में सांसद और उनका निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) मृत मिला। एक वेबसाइट के मुताबिक गोलीबारी में 27 वर्षीय एक अन्य व्यक्ति की भी मौत हुई है। इस बीच, कोलंबो में ‘गोटागोगामा' और ‘मैनागोगामा' प्रदर्शन स्थल पर हुए हिंसक हमले के बाद श्रीलंका में कानून व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण से बाहर चली गई है। 

एसएलपीपी पार्टी के नेताओं के स्वामित्व वाली संपत्तियों पर हमले हो रहे हैं। आक्रोशित भीड़ ने पूर्व मंत्री जॉनसन फर्नांडो के कुरुनेगाला और कोलंबों स्थित कार्यालयों पर हमला किया है। उनके बार में भी आग लगाये जाने की खबर है। पूर्व मंत्री नीमल लांजा के आवास पर भी हमला किया गया है जबकि महापौर समन लाल फर्नांडो के आवास में आग लगा दी गई। सत्तारूढ़ पार्टी के मजदूर नेता महिंदा कहानदागमागे के कोलंबो स्थित आवास पर भी हमला हुआ है। 

महिंदा राजपक्षे ने दिया इस्तीफा
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के समर्थकों द्वारा शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों पर हमला किए जाने के बाद पूरे देश में हिंसा भड़क गई है। लोगों ने राजधानी से लौट रहे राजपक्षे समर्थकों पर गुस्सा उतारा। उन्होंने उनके वाहनों को रोक लिया और कई शहरों में उन पर हमला किया। महिंदा राजपक्षे ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के कार्यालय के सामने अपने समर्थकों द्वारा सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर हमला किए जाने के कुछ घंटे बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस हमले में कम से कम 174 लोग घायल हुए हैं। घटना के बाद राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू लगा दिया गया है और राजधानी में सेना तैनात कर दी गई है। 

उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन से वर्ष 1948 में आजादी मिलने के बाद से अब तक के समय में श्रीलंका अपने सबसे बुरे आर्थिक दौर से गुजर रहा है। यह संकट विदेशी मुद्रा भंडार की कमी से उत्पन्न हुआ है जिसका अभिप्राय है कि देश खाद्यान्न, ईंधन के आयात के लिए भुगतान नहीं कर सकता। 

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