Edited By shukdev,Updated: 05 May, 2019 06:52 PM
श्रीलंका सरकार ने स्थानीय जिहादी समूह की ओर से ईस्टर के दिन किए गए फिदायीन बम विस्फोटों के बाद से अब तक 200 इस्लामिक विद्वानों समेत 600 विदेशी नागरिकों का देश निकाला कर दिया है। डेली मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक श्रीलंका के गृह मंत्री वजिरा ...
कोलंबो : श्रीलंका सरकार ने स्थानीय जिहादी समूह की ओर से ईस्टर के दिन किए गए फिदायीन बम विस्फोटों के बाद से अब तक 200 इस्लामिक विद्वानों समेत 600 विदेशी नागरिकों का देश निकाला कर दिया है। डेली मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक श्रीलंका के गृह मंत्री वजिरा अबेवर्धना ने कहा कि बड़ी संख्या में मुस्लिम विद्वान और धर्मगुरू कानूनी तौर-तरीकों से ही यहां आए थे लेकिन आत्मघाती हमले के बाद सुरक्षा अभियान के दौरान जांच में पाया गया कि वे वीजा अवधि बीत जाने के बावजूद यहां रह रहे थे। ऐसे लोगों से हर्जाना वसूलने के बाद उन्हें देश से निष्कासित कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि देश में वर्तमान स्थिति को देखते हुए हमने वीजा प्रणाली की समीक्षा की है और धार्मिक शिक्षकों के लिए वीजा प्रतिबंधों को कड़ा करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा, च्जिन लोगों को देश से बाहर भेजा गया है उनमें से लगभग 200 इस्लामिक प्रचारक थे।' ईस्टर के दिन रविवार को हुए बम विस्फोटों में 257 लोग मारे गए तथा करीब 500 लोग घायल हो गए थे और इस हमले का नेतृत्व एक स्थानीय मौलवी ने किया था जिसने हाल में पड़ोसी देश भारत की यात्रा की थी तथा वहां के जिहादियों से संपर्क किया था। गृह मंत्री ने निष्कासित किए गए लोगों की राष्ट्रीयता की जानकारी नहीं दी लेकिन पुलिस ने कहा कि ईस्टर हमलों के बाद वीजा की निर्धारित अवधि से अधिक समय तक रहने वाले विदेशियों में बंगलादेश, भारत, मालदीव और पाकिस्तान के नागरिक शामिल हैं।
मंत्री ने कहा कि कई धार्मिक संस्थाएं हैं जो दशकों से विदेशी प्रचारकों एवं विद्वानों को यहां भेज रही हैं। उन्होंने कहा, च्हमारी उनके साथ कोई समस्या नहीं है, लेकिन कुछ ऐसी संस्थायें हैं जिनका हाल में बहुत विस्तार हुआ है। हम उन पर अधिक ध्यान देंगे।' मंत्री ने कहा कि सरकार 21 अप्रैल के हमले के बाद देश की वीजा नीति में आमूल-चूल परिवर्तन कर रही है। इस हमले के दौरान तीन ईसाई चर्चों और तीन लक्जरी होटलों को निशाना बनाया गया था। श्रीलंका ने हमलों के बाद से आपातकाल लागू कर दिया है और सैनिकों एवं पुलिस को संदिग्धों को लंबे समय तक गिरफ्तार और हिरासत में रखने के लिए व्यापक अधिकार दिए हैं। इस्लामिक चरमपंथियों की विस्फोटक और प्रचार सामग्री की तलाश में देश भर में घर-घर तलाशी ली जा रही है।