Edited By Tanuja,Updated: 12 Jun, 2019 11:55 AM
श्रीलंका सरकार की संसदीय प्रवर समिति ने राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना के कड़े विरोध के बावूजद ईस्टर संडे के दिन हुए ...
कोलंबोः श्रीलंका सरकार की संसदीय प्रवर समिति ने राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना के कड़े विरोध के बावूजद ईस्टर संडे के दिन हुए आत्मघाती हमलों के संबंध में सुरक्षा खामियों से जुड़े मामले की जांच मंगलवार को शुरू कर दी। हमलों में 11 भारतीयों सहित 258 लोग मारे गए थे। कैबिनेट के प्रमुख राष्ट्रपति सिरिसेना ने पिछले सप्ताह चेताया था कि यदि सरकार ने संसदीय जांच बंद करने के लिए तत्काल कदम नहीं उठाए तो वह कैबिनेट में शामिल नहीं होंगे।
संसदीय प्रवर समिति (पीएससी) ने उन मुसलमान नेताओं के बयान दर्ज करने के साथ जांच की शुरुआत की है जिनका कहना था कि उन्होंने बार-बार खतरनाक कट्टरपंथ के बढ़ने की चेतावनी दी थी। कमेटी ने पश्चिमी प्रांत के पूर्व गवर्नर अजथ सैली को गवाही के लिए बुलाया था। अधिकारियों ने बताया कि सामान्य रूप से मंगलवार सुबह होने वाली कैबिनेट की बैठक इस बार सिरिसेना ने नहीं बुलाई। राष्ट्रपति सिरिसेना ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए कैबिनेट से सुनवाई रोकने को कहा था।
सिरिसेना ने कहा था कि यह गैरजरूरी और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है क्योंकि खुफिया विभाग के शीर्ष अधिकारियों की पहचान मीडिया के समक्ष जाहिर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि वह सेना के मौजूदा अधिकारियों को पीएससी के समक्ष गवाही देने की अनुमति नहीं देंगे। उन्होंने स्पीकर कारु जयसूर्या को पत्र लिखकर पीएससी रोकने का अनुरोध किया है। जयसूर्या ने हालांकि कहा कि पीएससी संसदीय मामला है और वह चलेगी।