Edited By Tanuja,Updated: 22 Nov, 2021 06:04 PM
श्रीलंका में 2019 में ‘ईस्टर रविवार'' को हुए आतंकी हमले की पूर्व खुफिया जानकारी के बावजूद कार्रवाई करने में विफल रहने के लिए पूर्व पुलिस प्रमुख
कोलंबो: श्रीलंका में 2019 में ‘ईस्टर रविवार' को हुए आतंकी हमले की पूर्व खुफिया जानकारी के बावजूद कार्रवाई करने में विफल रहने के लिए पूर्व पुलिस प्रमुख पुजित जयसुंदरा के खिलाफ सोमवार को आपराधिक लापरवाही का आरोप तय किया गया। इन आतंकवादी हमलों में 11 भारतीयों सहित लगभग 270 लोग मारे गए थे। वकीलों ने कहा कि जयसुंदरा के खिलाफ आपराधिक लापरवाही के कुल 855 आरोप लगाए गए थे क्योंकि श्रीलंकाई उच्च न्यायालय ने मामले में मुकदमे की कार्यवाही शुरू की थी। इसमें 1,200 से अधिक गवाह हैं। जब उनके खिलाफ तय आरोप पढ़े गए तो जयसुंदरा अदालत कक्ष में मौजूद थे
उनके वकीलों ने जोर देकर कहा कि पूर्व महानिरीक्षक पहले से प्राप्त खुफिया जानकारी की अनदेखी करने के दोषी नहीं थे। अप्रैल 2019 में हमले के वक्त रक्षा मंत्रालय में एक प्रमुख सदस्य रहे पूर्व रक्षा सचिव हेमासिरी फर्नांडो पर भी इसी तरह के आरोप हैं। जयसुंदरा और फर्नांडो को सेवा से निलंबित कर दिया गया था और इस सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया गया था। हालांकि उन्हें बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया। तत्कालीन राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने हमलों की पूर्व खुफिया जानकारी उपलब्ध होने के बावजूद इसे रोकने में कथित तौर पर नाकाम रहने के लिए दोनों को अभियुक्त बनाया था।
पुलिस ने हमले की साजिश रचने, सहयोग करने और उकसाने के लिए संदिग्धों के खिलाफ 23000 से अधिक आरोप दर्ज किये थे। आईएसआईएस से जुड़े स्थानीय इस्लामी चरमपंथी समूह नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) से जुड़े नौ आत्मघाती हमलावरों ने 21 अप्रैल, 2019 को तीन चर्चों और कई लग्जरी होटलों में शृंखलाबद्ध विस्फोटों को अंजाम दिया था, जिसमें कम से कम 270 लोग मारे गए थे और 500 से अधिक घायल हो गए थे।
अपने कार्यकाल के दौरान, सिरिसेना ने हमलों की जांच के लिए एक अध्यक्षीय पैनल का गठन किया। राष्ट्रपति की विशेष जांच में स्वयं सिरीसेना के साथ फर्नांडो और जयसुंदरा सहित कई अन्य शीर्ष रक्षा अधिकारियों को पूर्व खुफिया जानकारी की अनदेखी करने का दोषी पाया गया था। पैनल की रिपोर्ट में उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की सिफारिश की गई थी।