Edited By Tanuja,Updated: 21 Nov, 2019 02:39 PM
श्रीलंका की राजनीति में कुछ ऐसा ही होने जा रहा है जो दुनिया के इतिहास में शायद ही पहले कभी हुआ हो। यहां छोटा भाई राष्ट्रपति और बड़ा भाई प्रधानमंत्री...
कोलंबोः श्रीलंका की राजनीति में कुछ ऐसा होने जा रहा है जो दुनिया के इतिहास में शायद ही पहले कभी हुआ हो। यहां छोटा भाई राष्ट्रपति और बड़ा भाई प्रधानमंत्री बनने जा रहा है। हाल ही में राष्ट्रपति चुने गए गोटाबाया राजपक्षे ने बुधवार को अपने बड़े भाई महिंदा राजपक्षे को देश के प्रधानमंत्री के रूप में नामित किया है। सरकार के प्रवक्ता विजयानंदा हेराथ ने इसकी पुष्टि की है। उनका कहना है कि महिंदा जल्द जिम्मेदारी संभाल लेंगे।
वे इस्तीफा दे चुके रनिल विक्रमसिंघे का स्थान लेंगे। बता दें कि एक दशक पहले श्रीलंका में सक्रिय आतंकी संगठन लिट्टे के सफाए में दोनों भाइयों महिंदा और गोटाबाया ने बड़ी भूमिका निभाई थी। महिंदा जब 2005 में पहली बार श्रीलंका के राष्ट्रपति बने थे, तब उन्होंने गोटाबाया को श्रीलंका के रक्षा मंत्रालय में स्थायी सचिव नियुक्त किया था। गोटाबाया के नेतृत्व में ही लिट्टे के खिलाफ सैन्य अभियान चलाया गया था। श्रीलंका में माना जाता है कि दोनों भाइयों के चीन से करीबी रिश्ते हैं।
गोटाबाया राजपक्षे
- 1971 में सेना में हुए भर्ती।
- मद्रास विश्वविद्यालय से रक्षा मामलों में पीजी डिग्री ली।
- अमेरिका में आईटी पेशेवर के रूप में भी काम किया।
- 2005 में श्रीलंका के रक्षा सचिव बने।
महिंदा राजपक्षे
- 2005 से 2015 तक श्रीलंका के राष्ट्रपति।
- कोलंबो के लॉ कॉलेज से स्नातक।
- 24 साल की उम्र में सबसे युवा सांसद बने थे।
- श्रम-मत्स्य पालन मंत्री रहे।
विक्रमसिंघे ने सरकारी आवास किया खाली
श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को औपचारिक रूप से अपना त्यागपत्र सौंपने के साथ ही अपने आधिकारिक आवास ‘टेम्पल ट्री' को भी खाली कर दिया ताकि नए प्रधानमंत्री उसमें रह सकें । कोलंबो गजट ने यह जानकारी दी। विक्रमसिंघे ने राष्ट्रपति चुनाव में अपने कनिष्ठ सजीत प्रेमदास की हार के बाद बुधवार को अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी थी। विक्रमसिंघे जनवरी 2015 से नवंबर 2019 तक प्रधानमंत्री पद पर रहे ।