Edited By shukdev,Updated: 02 Sep, 2019 09:15 PM
काले कपड़े पहने हजारों छात्र दो सप्ताह के विश्वविद्यालय बहिष्कार आंदोलन के पहले दिन सोमवार को मध्य हांगकांग में एकत्रित हुए। इससे शहर के नेताओं पर महीनों से जारी सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शनों को शांत कराने को लेकर दबाव बढ़ गया। हांगकांग में बीजिंग...
हांगकांग: काले कपड़े पहने हजारों छात्र दो सप्ताह के विश्वविद्यालय बहिष्कार आंदोलन के पहले दिन सोमवार को मध्य हांगकांग में एकत्रित हुए। इससे शहर के नेताओं पर महीनों से जारी सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शनों को शांत कराने को लेकर दबाव बढ़ गया। हांगकांग में बीजिंग समर्थित सरकार द्वारा प्रत्यर्पण विधेयक पारित कराने के प्रयास के विरोध में काफी समय से प्रदर्शन हो रहे हैं। विधेयक के विरोधी इसे हांगकांग की स्वायत्तता में एक बड़ी सेंध मान रहे हैं। इसी को लेकर वहां लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शन हो रहे हैं। इन प्रदर्शनों में छात्रों की मुख्य भूमिका है। पुलिस के साथ हिंसक झड़पों में सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
चीन ने प्रदर्शनकारियों को अब ‘आतंकवादी' बताना शुरू कर दिया है। चीन की सरकारी संवाद समिति ने एक संपादकीय के माध्यम से चेतावनी दी कि ‘अंत अब नजदीक आ रहा है।' चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने सोमवार को कहा कि प्रदर्शन ‘सभा करने और प्रदर्शन करने की आजादी के दायरे से आगे जा रहे हैं।' उन्होंने कहा, ‘वे हांगकांग की कानूनी व्यवस्था और सामाजिक व्यवस्था को गंभीर चुनौती देते हुए अत्यंत हिंसक कृत्यों में लिप्त हो रहे हैं।' सोमवार को विश्वविद्यालय गर्मियों की छुट्टी के बाद फिर से खुले। हजारों छात्र कक्षाओं में नहीं गए और इसके बजाय मध्य हांगकांग में एकत्रित हुए।
टॉमी नाम के 19 वर्षीय छात्र ने कहा,‘आज हमारे स्कूल का पहला दिन था लेकिन इसके बावजूद मैं बाहर आया। मुझे नहीं लगता कि मैं कुछ प्राप्त करने में विफल रहूंगा। यह भी एक तरह का सीखना है।' अन्य जगहों पर माध्यमिक छात्रों ने स्कूलों में मानव श्रृंखला बनाई। नर्सें लोकतंत्र समर्थक तख्तियों के साथ अस्पताल के गलियारों में एकत्रित हुईं। 17 वर्षीय माध्यमिक छात्र वोंग ने कहा, ‘हांगकांग हमारा घर है..हम शहर के भविष्य हैं और इसे बचाने की जिम्मेदारी हमें लेनी होगी।'