दरगाह ब्लॉस्ट के बाद PAK सरकार एक्शन मोड में, ढेर किए 37 आतंकी

Edited By ,Updated: 17 Feb, 2017 01:44 PM

suicide blast lal shahbaz qalandar shrine in sindh province pakistan

पाकिस्तान के सिंध प्रांत के सहवान कस्बे में स्थित लाल शाहबाज कलंदर दरगाह के भीतर गुरुवार (16 फरवरी) रात आई.एस.आई.एस ...

इस्लामाबाद:पाकिस्तान के सिंध प्रांत के सहवान कस्बे में स्थित लाल शाहबाज कलंदर दरगाह के भीतर गुरुवार (16 फरवरी) रात आई.एस.आई.एस के एक आत्मघाती हमलावर द्वारा किए गए विस्फोट में करीब 100 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए।लाल साईं, झूले लाल, मस्त कलंदर के नामों से मशहूर सूफी संत लाल शाहबाज कलंदर की दरगाह पर एक आतंकी ने पहले हथगोला फेंका जब वह नहीं फटा तो उसने खुद को उड़ा लिया।पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक फिदायीन हमला महिलाओं के लिए रिजर्व इलाके में हुआ।


37आतंकी ढेर
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक इसी हमले के बाद गुरुवार रात से ही पाकिस्तान ने देशभर में आतंकियों के खिलाफ अभियान छेड़ दिया।पाक सिक्युरिटी फोर्सेस ने 37आतंकियों को मार गिराया।पाक सरकार के एक अफसर के मुताबिक, फेडल और प्रॉविन्स की एजेंसियों ने पुलिस की मदद से बड़ा अभियान शुरू कर दिया। कई जगहों से संदिग्धों को अरेस्ट किया गया है। पैरामिलिट्री फोर्स पाक रेंजर्स ने बताया कि सिंध में रात में ही 18, खैबर पख्तूनख्वाह में भी हुई कार्रवाई में 11 और कई आतंकी मारे गए।


7 दिनों के भीतर हुए 5 ब्लास्ट
बता दें कि पाकिस्तान में एक सप्ताह के भीतर यह पांचवां आतंकी हमला हुआ है। हमलावर ‘सुनहरे गेट’ से दरगाह के भीतर दाखिल हुआ और पहले उसने ग्रेनेड फेंका लेकिन वह नहीं फटा।साल 2005 के बाद से देशभर की 25 दरगाहों पर आतंकी हमले हो चुके हैं।हमले के चश्मदीदों का कहना है कि उन्होंने अपनी ज़िंदगी में ऐसे दृश्य कभी नहीं देखे।एक प्रत्यक्षदर्शी बाकिर शेख ने बताया कि विस्फोट के लगभग 10 मिनट के बाद जब वह दरगाह परिसर में पहुंचे तो 'वहां चारों तरफ हिंसा के निशान थे।हर तरफ मानव अंग बिखरे हुए थे।'


कहां हुआ ब्लास्ट?
कराची से 200 किमी दूर सहवान शरीफ इलाके में ब्लास्ट  हुआ। यहां पर सिर्फ दरगाह मौजूद है, वहां से सबसे नजदीकी हॉस्पिटल भी करीब 40 किमी की दूरी पर मौजूद है। 
यह दरगाह सिंध के चीफ मिनिस्टर सैयद मुराद अली शाह के इलाके में मौजूद है।
हमले के बाद पूरे सिंध प्रांत में मौजूद दरगाहों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।


दरगाह पर हैं सोने से जड़े दरवाजे
शाहबाज कलंदर की मजार पर 1356 ई. में दरगाह बनी थी। ईरान के शाह मुहम्मद रजा पहलवी ने यहां सोने से जड़े दरवाजे लगवाए।हर गुरुवार को यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है।


दमादम मस्त कलंदर
पाकिस्तान, भारत और बांग्लादेश में नूर जहां, नुसरत फतह अली, आबिदा परवीन, साबरी ब्रदर्स, वडाली ब्रदर्स आदि ने इनकी शान में लाल मेरी...दमादम मस्त कलंदर को आवाज दी है।अमीर खुसरो के लिखे शब्दों को बाबा बुल्लेशाह ने भी आवाज दी थी।

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