Edited By Pardeep,Updated: 13 Sep, 2018 11:39 PM
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज रुस के साथ भारत की ‘विशेष विशिष्ट रणनीतिक भागीदारी’ बढ़ाने के लिए अहम द्विपक्षीय बैठक की सह-अध्यक्षता करने और रुसी नेताओं के साथ बातचीत के लिए बृहस्पतिवार को यहां पहुंचीं।ग्यारह महीनों में तीसरी बार रुस की यात्रा पर पहुंचीं...
मास्कोः विदेश मंत्री सुषमा स्वराज रुस के साथ भारत की ‘विशेष विशिष्ट रणनीतिक भागीदारी’ बढ़ाने के लिए अहम द्विपक्षीय बैठक की सह-अध्यक्षता करने और रुसी नेताओं के साथ बातचीत के लिए बृहस्पतिवार को यहां पहुंचीं।
ग्यारह महीनों में तीसरी बार रुस की यात्रा पर पहुंचीं सुषमा स्वराज मास्को आने के क्रम में अश्गाबात में कुछ देर रुकीं और उन्होंने तुर्कमेनिस्तान के अपने समकक्ष के साथ द्विपक्षीय हितों पर चर्चा की। विदेश मंत्री भारत-रुस तकनीकी एवं आॢथक सहयोग अंतर सरकारी आयोग (आईआरआईजीसी-टेक) की 23 वीं बैठक में हिस्सा लेंगी। इसकी सह अध्यक्षता वह और रुस के उपप्रधानमंत्री यूरी बोरिसोव करेंगे।
आईआरआईजीसी-टेक एक स्थायी निकाय है जो सालाना बैठक कर द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, संस्कृति तथा परस्पर हित के अन्य क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग की वर्तमान गतिविधियों की समीक्षा करता है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग का जायजा लेने के बाद आयोग संबंधित क्षेत्रों के लिए नीतिगत सिफारिशें और निर्देश देगा।
मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने 11 महीने में विदेश मंत्री की तीसरी यात्रा पर ट्वीट किया कि यह उच्च स्तरीय आदान-प्रदान बनाए रखने के लिए है। आयोग की पिछली बैठक दिसंबर, 2017 में नई दिल्ली में हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मई में काला सागर के तटीय शहर सोची में और जून में जोहांसबर्ग में एक दूसरे से भेंट की थी।