Edited By Ashish panwar,Updated: 27 Jan, 2020 09:28 PM
वैज्ञानिकों ने एक ऐसा रोबोटिक ग्रिपर बनाया है जो छोटी और नाजुक चीजों को बिना छुए ध्वनि तरंगों का मदद से उसे एक जगह से दूसरी जगह रख सकता है। इस प्रोटोटाइप रोबोट को स्विटजरलैंड में ईटीएच ज्यूरिक के शोधकर्ताओं ने विकसित किया है। इसमें दो अर्ध-गोलीय...
इंटरनेशनल डेस्कः वैज्ञानिकों ने एक ऐसा रोबोटिक ग्रिपर बनाया है जो छोटी और नाजुक चीजों को बिना छुए ध्वनि तरंगों का मदद से उसे एक जगह से दूसरी जगह रख सकता है। इस प्रोटोटाइप रोबोट को स्विटजरलैंड में ईटीएच ज्यूरिक के शोधकर्ताओं ने विकसित किया है। इसमें दो अर्ध-गोलीय वस्तुएं और एक ही तरह के दो हेडफोन लगे होते हैं। ये गोलीय वस्तु माइक्रोचिप से लैस एक सर्किट बोर्ड से जुड़ी होती हैं। एक छोटी गोलीय वस्तु इन दोनों अर्ध-गोलीय वस्तु के ऊपर होती है, जिसे अल्ट्रासाउंड वाली तरंगें नियंत्रित करती हैं। ज्यूरिक ईटीएच के फेलो मार्सल शुक का कहना है, 'इस परिघटना को ध्वनि उत्तोलन कहा जाता है।' वह एक ऐसी पद्धति विकसित कर रहे हैं, जो इसे छोटी वस्तुओं को बिना छुए पूरी तरह उठाने में सक्षम बना सके।
शोधकर्ताओं का कहना है कि यह उन परिस्थितियों में काफी कारगर साबित हो सकता है, जब छोटी चीजों के नुकसान का असर हमारी जेब पर पड़ता है। उदाहरण के तौर पर, घड़ी बनाने के काम या फिर सेमीकंडक्टर उद्योग में। उनका कहना है कि पारंपरिक रोबोटिक ग्रिपर से नाजुक वस्तुओं के नुकसान का खतरा होता है। इससे बचने के लिए मुलायम और रबड़ जैसे ग्रिपर का प्रयोग किया जा सकता है। हालांकि, इन मुलायम रोबोटिक ग्रिपर से चीजों को स्थानांतरित करने की सीमा भी है। शोधकर्ताओं ने बताया कि नई तकनीक एक ऐसे प्रभाव पर आधारित है, जिसका प्रयोग 80 वर्षो से होता आ रहा है और पहली बार अंतरिक्ष अन्वेषण में इस्तेमाल किया गया। अल्ट्रासाउंड वेव एक दबाव क्षेत्र पैदा करती है, जिसे मनुष्य देख या सुन नहीं सकता है। दबाव बिंदुओं को ध्वनि तरंगों के रूप में एक-दूसरे के ऊपर बनाया जाता है और छोटी वस्तुओं को इन बिंदुओं के भीतर फंसाया जा सकता है। नतीजतन, वे एक ध्वनि जाल में हवा में स्वतंत्र रूप से तैरने लगती हैं।
शोधकर्ताओं ने बताया कि वस्तु के आकार के हिसाब से सॉफ्टवेयर ग्रिपर को समायोजित किया जाता है और रोबोट का बाजु फिर उसे लक्षित जगह तक पहुंचाता है। उनका कहना है कि बिना छुए वस्तुओं को पकड़ने का आर्थिक लाभ भी है। जब हम पारंपरिक रोबोट से काम करते हैं, तो लगभग सभी नए आकार के लिए अलग-अलग ग्रिपर की जरूरत पड़ती है। वहीं, ध्वनि तरंगों के आधार पर काम करने वाला ग्रिपर महंगे ग्रिपर की जरूरत खत्म कर देगा।