Edited By Seema Sharma,Updated: 31 May, 2019 02:17 PM
नियाभर में पानी की समस्या गहराती जा रही है। भारत में ही नहीं आस्ट्रेलिया में भी लोग जल संकट से जूझ रहे हैं। जल संकट की गंभारता को देखते हुए इसकी बर्बादी को रोकने के लिए सरकार ने नया कानून बनाया है।
सिडनी: दुनियाभर में पानी की समस्या गहराती जा रही है। भारत में ही नहीं आस्ट्रेलिया में भी लोग जल संकट से जूझ रहे हैं। जल संकट की गंभारता को देखते हुए इसकी बर्बादी को रोकने के लिए सरकार ने नया कानून बनाया है। आस्ट्रेलिया के सिडनी में रिकॉर्ड तोड़ सूखे के बीच दशक में पहली बार व्यापक जल प्रतिबंधों की घोषणा की गई। ऑस्ट्रेलिया में पानी की बर्बादी रोकने के लिए कई शहरों में पानी के इस्तेमाल की समय सीमा तय की गई है तो कुछ अन्य प्रतिबंध भी लगाए गए हैं। पानी की बर्बादी करने पर जुर्माना भी लगाया जाएगा।
सरकार के मुताबिक अगर किसी ने पानी की बर्बादी की तो उसे 220 आस्ट्रेलियाई डॉलर का जुर्माना देना पड़ेगा यानि कि भारतीय राशि के हिसाब से 10641.45 रुपए हैं। न्यू साउथ वेल्स सरकार ने बताया कि सिडनी क्षेत्र के जलाशयों में 1940 के दशक के बाद से जलस्तर लगातार कम हो रहा है और अगले सप्ताह से प्रतिबंध लागू किए जाएंगे। दक्षिणपूर्वी राज्य की जलमंत्री मेलिंडा पावे ने एक बयान में कहा कि न्यू साउथ वेल्स में रिकॉर्ड सूखा पड़ रहा है।
सिडनी में जल प्रतिबंध का मतलब है कि न्यू साउथ वेल्स के लोग जल संरक्षण में योगदान देंगे।'' सिडनी में नल खुला छोड़ने या बगीचों में पानी देने के लिए छिड़काव प्रणाली का इस्तेमाल करने पर लोगों को 220 आस्ट्रेलियाई डॉलर और कारोबारियों को 550 आस्ट्रेलियाई डॉलर तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इससे पहले सिडनी में 2009 में जल प्रतिबंध लगाए गए थे। उस समय भीषण सूखे के बीच सभी बड़े शहरों में पानी के इस्तेमाल की सीमा तय की गई थी। यह प्रतिबंध देश के कुछ हिस्सों में एक दशक से भी अधिक समय तक रहा था।