Edited By Isha,Updated: 15 Apr, 2018 10:05 AM
अमरीकी अगुवाई में सीरिया में किए गए पश्चिम देशों के हवाई हमलों के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की ओर से ऐसे संकेत मिले हैं कि अगर वहां रासयनिक हथियारों का फिर इस्तेमाल किया गया तो ऐसे हमले दोहराए जाएंगे। अमरीका का कहना है
वाशिंगटनः अमरीकी अगुवाई में सीरिया में किए गए पश्चिम देशों के हवाई हमलों के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की ओर से ऐसे संकेत मिले हैं कि अगर वहां रासयनिक हथियारों का फिर इस्तेमाल किया गया तो ऐसे हमले दोहराए जाएंगे। अमरीका का कहना है कि सीरिया में 7 अप्रैल को राष्ट्रपति बशर अल असद सरकार ने रासायनिक हमलों में क्लोरीन गैस का इस्तेमाल बडे पैमाने पर किया था और इसी के जवाब में ये हमले किए गए हैं। यह भी माना जा रहा है कि उन हमलों में सेरिन गैस का भी इस्तेमाल किया गया था जो काफी घातक है।
संयुक्त राष्ट्र में अमेरीकी राजदूत निक्की हैली ने कल एक बयान में कहा कि अभी तक जो भी प्रमाण मिले हैं वे इस बात की तरफ इशारा करते हैं कि सीरिया सरकार ने बड़े पैमाने पर रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया था। अमेरिकी आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन के विशेषज्ञ डेरिल किमबाल ने बताया कि पश्चिम एशिया के हर शहर जहां पानी की सफाई होती है वहां क्लोरीन तो अवश्य मिलाई ही जाती है और यह आम औद्योगिक रसायन है। लेकिन रायायनिक हमलों में क्लोरीन गैस का इस्तेमाल चिंता का विषय है।