Edited By Pardeep,Updated: 09 Aug, 2020 05:34 AM
चीन और ताइवान के बीच तनाव बरकरार है। हाल ही में दक्षिण चीन सागर में ताइवान और अमरीका के बीच युद्धाभ्यास को लेकर दोनों के बीच भारी टकराव देखा गया। इस दौरान कई बार अमरीकी और चीनी नौसेना ने सीमाओं का उल्लंघन भी ...
ताइपेः चीन और ताइवान के बीच तनाव बरकरार है। हाल ही में दक्षिण चीन सागर में ताइवान और अमरीका के बीच युद्धाभ्यास को लेकर दोनों के बीच भारी टकराव देखा गया। इस दौरान कई बार अमरीकी और चीनी नौसेना ने सीमाओं का उल्लंघन भी किया। चीन से ताइवान को लगातार खतरा बना हुआ है, ऐसे में ताइवान की एयरफोर्स ने दो मल्टिरोल F-16 फाइटर इस हफ्ते लॉन्च कर दिए थे।
एंटी-शिप मिसाइल से लैस फाइटर हुआलीन एयरफोर्स बेस से लॉन्च किए गए थे। दरअसल, कुछ वक्त पहले इस तरह की खबर आई थी कि चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ताइवान के परातस टापू को कब्जाने के लिए एक ड्रिल करने वाली है। चीन इस टापू को अपना क्षेत्र डोगशा बताता है। ये टापू दक्षिण चीन सागर के उत्तरी हिस्से में मौजूद है।
आशंका जताई गई है कि एयरक्राफ्ट इस डर से लॉन्च किए गए हैं कि कहीं PLA टापू पर अपना कब्जा न जमाए। वह कभी भी अपना युद्धाभ्यास शुरू कर सकता है। इस बारे में ताइवान को मई में आई एक रिपोर्ट के जरिए पता चला था। PLA जो ड्रिल करने वाला है, उसमें बड़ी संख्या में मरीन सैनिक, शिप, वरक्राफ्ट और हेलिकॉप्टर शामिल होंगे। हालांकि,चीन के मिलिट्री विशेषज्ञ ने इस रिपोर्ट का खंडन किया है।
इसलिए दक्षिण चीन सागर पर चीन की नजर
दक्षिण चीन सागर के जिस क्षेत्र पर चीन ने नजर जमाई हुए है, वह खनिज और ऊर्जा संपदाओं से भरा पड़ा है। चीन का दूसरे देशों टकराव कभी तेल,कभी गैस तो कभी मछलियों के कारण होता है। वह इसी तरह से वियतनाम पर अभी अपना दावा ठोकता रहता है। इन क्षेत्रों की संपदा को वह लूटना चाहता है।