Edited By Tanuja,Updated: 25 Apr, 2018 02:32 PM
तालिबान ने अफगानिस्तान सरकार की शांति वार्ता की पेशकश को ठुकराते हुए फिर से अपने हमले और तेज कर दिए हैं। तालिबान के एक बयान के अनुसार उसका ‘ ऑपरेशन अल खंदक ’ अमरीकी बलों, उनके खुफिया एजैंटों और साथ ही उनके अंदरूनी हिमायतियों को निशाना बनाएगा...
काबुलः तालिबान ने अफगानिस्तान सरकार की शांति वार्ता की पेशकश को ठुकराते हुए अपने हमले और तेज करने का एेलान कर दिया है। तालिबान के एक बयान के अनुसार उसका ‘ ऑपरेशन अल खंदक ’ अमरीकी बलों, उनके खुफिया एजैंटों और साथ ही उनके अंदरूनी हिमायतियों को निशाना बनाएगा।
गौरतलब है कि आम तौर पर जाड़े में तालिबान के हमलों का सिलसिला बंद हो जाता है और बसंत में पुनः शुरू हो जाता है। बहरहाल , इस साल तालिबान ने अफगान और अमरीकी बलों पर अपना हमला जारी रखा था। तालिबान ने कहा कि आपरेशन अल खंदक में अमरीकी आक्रांताओं और उनके समर्थकों को कुचलने , मारने और पकडऩे पर जोर होगा।
तालिबान ने कहा कि अफगानिस्तान में अमरीकी अड्डों की मौजूदगी शांति के सभी मौके को खत्म करती है और जारी जंग लंबी करती है। पश्चिमी और अफगानिस्तान विशेषज्ञों का कहना है कि तालिबान की घोषण परोक्ष रूप से वार्ता की पेशकश को ठुकराए जाने का संकेत है।
अफगानिस्तान के राजनीतिक विश्लेषक और काबुल यूनिवर्सिटी के प्रो. अहमद सईदी ने कहा कि इस साल वे अफगानिस्तान सरकार को और कमजोर करने की कोशिश करेंगे। वे चुनाव प्रक्रिया को भी पटरी से उतारने का प्रयास करेंगे। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद रादमनीश ने तालिबान के ऐलान को केवल ‘दुष्प्रचार’’ करार दिया।