Edited By Isha,Updated: 17 May, 2018 11:40 AM
एक आतंकवाद रोधी अदालत ने बुधवार को 2008 मुंबई आतंकी हमला मामले में अभियोजन के अंतिम दो पाकिस्तानी गवाहों को तलब किया और अधिकारियों को अगली सुनवाई पर 27
इस्लामाबादः एक आतंकवाद रोधी अदालत ने बुधवार को 2008 मुंबई आतंकी हमला मामले में अभियोजन के अंतिम दो पाकिस्तानी गवाहों को तलब किया और अधिकारियों को अगली सुनवाई पर 27 भारतीय गवाहों की उपलब्धता पर ठोस प्रतिक्रिया देने का निर्देश दिया ताकि सुनवाई को शीघ्रता से पूरा किया जा सके।
आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के आतंकवादियों ने नवंबर 2008 में मुंबई में आतंकी हमला किया था जिसमें 166 लोग मारे गए थे और दर्जनों घायल हुए थे। पुलिस ने नौ हमलावरों को मार गिराया था जबकि दसवें हमलावर अजमल कसाब को पकडऩे के बाद उसके खिलाफ भारत में सुनवाई हुई और उसे मौत की सजा दी गई थी। आतंकवाद रोधी अदालत 2009 से मुंबई हमला मामले में सुनवाई कर रही है।
यह मामला हाल में उस समय फिर से सुर्खियों में आया था जब पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने एक हालिया साक्षात्कार में कहा कि राज्य से इतर तत्वों ने सीमापार जाकर मुंबई हमले को अंजाम दिया। ‘ डॉन ’ ने खबर दी कि अदालत ने आज सुनवाई बहाल की और जिला पुलिस अधिकारी डेरा गाजी खान सुहैल हबीब ताजिक ने न्यायाधीश शाहरुख अर्जूमंद के सामने अपना बयान दर्ज कराया। दो और पाकिस्तानी गवाहों, संघीय जांच एजेंसी के अतिरिक्त महानिदेशक वाजिद जिया और एक अन्य अधिकारी जाहिद अख्तर के बयान अभी दर्ज नहीं हुए हैं।