Edited By Tanuja,Updated: 12 Jul, 2018 04:29 PM
थाईलैंड की गुफा में दो सप्ताह से ज़्यादा समय तक फंसे रहे 12 बच्चों और उनके फ़ुटबॉल कोच की उस अस्पताल से पहली तस्वीरें सामने आई हैं जहां उनका इलाज चल रहा है। मंगलवार 10 जुलाई को खत्म हुए रेस्क्यू अभियान में थाईलैंड की गुफा में पिछले 17 दिनों से फंसे...
बैंकाकः थाईलैंड की गुफा में दो सप्ताह से ज़्यादा समय तक फंसे रहे 12 बच्चों और उनके फ़ुटबॉल कोच की उस अस्पताल से पहली तस्वीरें सामने आई हैं जहां उनका इलाज चल रहा है। मंगलवार 10 जुलाई को खत्म हुए रेस्क्यू अभियान में थाईलैंड की गुफा में पिछले 17 दिनों से फंसे 12 बच्चों और उनके एक कोच को सुरक्षित निकाल लिया गया था। उत्तरी थाईलैंड की बाढ़ग्रस्त गुफा में फंसे बच्चों को निकालने के लिए युद्ध स्तर पर अभियान छेड़ा गया था।
सूत्रों के अनुसार बच्चों को निकालने से पहले दवा (सिडेटिव) दी गई थी ताकि वो अंधेरे, संकरे और पानी के नीचे के रास्तों से गुज़रते हुए भयभीत और आतंकित न हों। हालांकि इसी पर विवाद हो गया। इस मामले में सवाल उठ रहे है कि बच्चों को बेहोस क्यों किया गया। हालांकि इस विवाद में घिरी थाईलैंड सरकार ने इससे इंकार किया था कि बच्चों को बेहोश करने वाली दवा दी गई। हां उन्होंने माना था कि बच्चों को एक दवा दी गई जो आमतौर पर सैनिकों को दी जाती है, जिससे डर कम होता है।
अब अस्पताल से जारी हुई तस्वीरों में कई बच्चे फ़ेस मास्क पहने अस्पताल की गाउन में कैमरे के लिए 'विक्ट्री साइन' देते नजर आ रहे हैं। वहीं इस मिशन को अंजाम देने वाले थाई नेवी सील्स ने अपने फेसबुक पेज पर रेस्क्यू मिशन का नया वीडियो जारी किया था। हालांकि विवाद बढ़ने पर उसे हटा दिया गया।
हटा दिए गए वीडियो में साफ दिख रहा था कि बच्चे या तो सो रहे थे या फिर बेहोशी के हालत में थे। दावा किया गया कि बच्चों को बाहर निकालने से पहले ज़्यादा मात्रा में बेहोशी की दवा दी गई थी। बेहोश बच्चों को डाइवर्स के पीछे बांधकर या फिर स्ट्रेचर से बाहर निकाला गया। बता दें कि मंगलवार को रेस्क्यू मिशन के आखिरी चरण बच्चों को बचाने के बाद लगभग 20 लोगों वाली डाइवर्स की टीम उस समय खतरे में पड़ गई थी, जब वहां लगे मोटर पंप फेल हो गए। इससे जहां पर वे मौजूद थे वहां पानी अचानक बढ़ गया। हालांकि सभी लोग किसी तरह सुरक्षित बाहर आने में कामयाब रहे। बच्चों को सुरक्षित निकालने के अभियान में थाईलैंड की नौसेना और वायुसेना के अलावा ब्रिटेन, चीन, म्यांमार लाओस, ऑस्ट्रेलिया, अमरीका और जापान समेत कई देशों के विशेषज्ञ लगे थे।
वहीं एक तस्वीर और सामने आई है, जिसमें बच्चों के पैरंट्स अस्पताल के रूम के बाहर लगे शीशे से अपने बच्चों को देखकर भावुक हो रहे हैं। थाईलैंड प्रशासन का कहना है कि जब तक बच्चों के स्वास्थ्य में पूरी तरह सुधार नहीं हो जाता तब तक उन्हें अस्पताल में रखा जाएगा।