14.4 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था न डूब जाए, इसलिए कोरोना के आंकड़े छुपा रहा है चीन!

Edited By Seema Sharma,Updated: 11 Jun, 2021 09:20 AM

that why china is hiding the figures of corona

दुनिया में सर्वाधिक 139 करोड़ की आबादी वाले देश चीन के कोरोना वायरस पर कंट्रोल करने वाले आंकड़े विश्वभर के देशों को चौंकाने वाले हैं। आंकड़ों को देखकर तो सबके मन में प्रश्न उठता है कि यह चीन ने कैसे किया। चीन की माने तो कोरोना की दूसरी लहर में रोजाना...

इंटरनेशनल डेस्क: दुनिया में सर्वाधिक 139 करोड़ की आबादी वाले देश चीन के कोरोना वायरस पर कंट्रोल करने वाले आंकड़े विश्वभर के देशों को चौंकाने वाले हैं। आंकड़ों को देखकर तो सबके मन में प्रश्न उठता है कि यह चीन ने कैसे किया। चीन की माने तो कोरोना की दूसरी लहर में रोजाना औसतन 22 से 24 नए कोराना के मामले दर्ज किए जा रहे हैं। वर्तमान में आज वीरवार की बाते करें तो तो चीन में कोरोना के कुल 416 ही एक्टिव केस हैं, इनमें से 404 को हल्का कोरोना बताया जा रहा है जबकि 12 लोग गंभीर अवस्था में हैं। विश्व में चीन के मामलों के जानकार इन आंकड़ों को भ्रमित करने वाला मानते हैं।  बीते माह 21 तारीख को चीन के 1 करोड़ 30 लाख की आबादी वाले क्वांगतुंग प्रांत के तटीय शहर क्वांनचौ में कोरोना के 11 मामले सामने आने पर लोगों को कर्फ्यू जैसे हालात का सामना करना पड़ा। जानकारों का कहना है यह उनकी समझ से परे है। चीन के मामलों के विशेषज्ञों के अनुसार लॉकउाउन या कर्फ्यू जैसे हालात तभी पैदा हो सकते हैं जब कोरोना के मामलों की संख्या बहुत अधिक है। दरअसल चीन सरकार को डर इस बात का भी है कि इसी प्रांत के दक्षिणी छोर पर हांगकांग स्थित है जो पूरे चीन की 14.4 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था में से 5 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था चलाता है अगर कोरोना महामारी की दूसरी लहर क्वांगतुंग से हांगकांग पहुंच गई तो चीन की पूरी अर्थव्यवस्था तबाह हो जाएगी जिसे चीन कभी नहीं चाहेगा। चीन के मामलों के जानकारों का कहना है कि इस तटीस प्रांत में चीन कोरोना के आंकड़ों को छुपाकर इस पर काबू पाना चाहता है ताकि उसकी वैश्विक अर्थव्यव्स्था को नुकसान न हो।

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क्वांगतुंग प्रांत में पहले 150 मामले होने का था दावा
क्वांगतुंग प्रांत के तटीय शहर क्वांनचौ  लोगों के घर से बाहर निकले पर पाबंदी लगा दी गई सिर्फ बहुत ही ज्यादा जरूरत पर लोगों को घर से निकलने की इजाजत थी। इस दौरान चीन में कोरोना के केवल 24 ही मामले थे जिनमें अकेले 11 मामले क्वांनचौ शहर के ही थे। पूरी आबादी को महज 11 कोरोना केस आने पर ही लॉकडाउन जैसे हालात का सामना करना पड़ा। चीन हमेशा से मरीज़ों की असल संख्या को छुपाता आया है, कुछ मामले फ़ोशान शहर में भी देखने को मिले हैं जिसकी वजह से वहां पर भी लॉकडाउन लगा दिया गया। इसके साथ ही चीन के लीवान ज़िले में कोरोना वायरस के मामले आने के बाद ज़िला प्रशासन ने वहां के लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने से भी मना कर दिया था। हालांकि ये पाबंदी कुछ ढील के साथ दी गई है जिससे लोग अपने घरों का जरूरी सामान खरीद सकें। शुरुआत में चीन सरकार ने कोरोना वायरस के ताज़ा मामलों पर कहा था कि पूरे क्वांगतुंग प्रांत में मुश्किल से एक सौ से 150 मामले हैं जिन पर हम जल्दी ही काबू पा लेंगे। 

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चीन में कोरोना के मामले कम हैं तो क्यों हैं एयरपोर्ट बंद
जानकार कहते हैं कि अगर मामले इतने कम होते तो क्वानचौ शहर के अलावा फ़ोशान शहर में भी चीन सरकार लॉकडाउन क्यों लगाती? इसके साथ ही क्वांगतुंग प्रांत की राजधानी क्वानचौ शहर का अंतर्राष्ट्रीय बेईयुन एयरपोर्ट क्यों बंद करती? बेईयुन अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट चीन के व्यस्ततम एयरपोर्ट में से एक है जहां  से रोजाना 519 अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें दूसरे देशों को जाती हैं। मामले की गंभीरता के साथ पूरी दुनिया में अपने खिलाफ माहौल को देखते हुए चीन ने इस बार सारी उड़ानें रद्द कर दी हैं, लेकिन चीन इस समय क्वांगतुंग प्रांत में कोरोना वायरस को देखते हुए जो उपाय कर रहा है उसे देखते हुए लगता नहीं कि कोरोना वायरस के सिर्फ़ चंद मामले चीन में फैले हैं। पिछली बार भी चीन ने कहा था कि उसके देश में कोरोना से मात्र तीन से चार हज़ार मौतें हुई हैं जबकि सच्चाई बाद में दुनिया के सामने आई जब अकेले वुहान शहर में ही मरने वालों के रिश्तेदारों को स्थानीय प्रशासन ने 50 हज़ार अस्थियों के कलश सौंपे थे। इस बार भी मामला बहुत गंभीर है इसलिए चीनी अधिकारियों ने नानशा, हुआदू और कुंगहुआ ज़िलों में एक आदेश जारी किया है कि जिन लोगों ने भी हाल ही में यात्रा की है उन सबको कोविड टेस्ट करवाना पड़ेगा। 

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पाबंदियों की पूर्ण जानकारी नहीं दे रहा है चीनी प्रशासन
इसके साथ ही चीन सरकार ने बायोटेक की सीनोवैक की वैक्सीन को आपातकाल के लिये युवा लोगों जिनमें 3 से 17 वर्ष के लोग आते हैं उनके लिये रज़ामंदी दे दी है, कंपनी के अध्यक्ष यिन वेईतुंग ने कहा कि चीन का टीका अभियान इस समय 18 वर्ष के लोगों के साथ उससे ज्यादा उम्र के लोगों के लिये आवश्यक है। हालांकि चीन सरकार की तरफ़ से ये लॉकडाउन कब तक जारी रहेगा इस पर कोई जानकारी नहीं दी गई। यह भी नहीं बताया गया है कि कोरोना महामारी से इस समय कितने लोग पीड़ित हैं। जिस तरह से चीन सरकार सारी जानकारियां लोगों से छिपा रही है उसे देखते हुए ऐसा लगता है कि मामला एक बार फिर चीन के हाथ से फिसलता जा रहा है जिसे संभालना मुश्किल हो रहा है। लीवान ज़िले के सारे स्कूलों को बंद कर दिया गया है इसके साथ ही इनडोर स्टेडियम, थोक बाज़ार, मनोरंजन की जगहें, रेस्तरां सब कुछ अनिश्चितकाल के लिये बंद कर दिया गया है। 

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महामारी के कारण चीन डूब जाएगी अर्थव्यवस्था
क्वांगतुंग प्रांत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर फैलने के बाद शहर प्रशासन ने जो लॉकडाउन लगाया है उससे इस प्रांत और पूरे चीन की अर्थव्यवस्था पर कितना गहरा असर पड़ा है इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2017 में इस प्रांत से होने वाली कुल आयात निर्यात की राशि 87 हज़ार 800 करोड़ युआन थी, इसमें से 54 हज़ार 440 करोड़ युआन का चीन ने विदेशों को निर्यात किया था और 33 हज़ार 330 करोड़ युआन का चीन ने आयात किया था। चीन सरकार को डर इस बात का भी है कि इसी प्रांत के दक्षिणी छोर पर हांगकांग स्थित है जो पूरे चीन की 14.4 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था में से 5 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था चलाता है अगर कोरोना महामारी की दूसरी लहर क्वांगतुंग से हांगकांग पहुंच गई तो चीन की पूरी अर्थव्यवस्था तबाह हो जाएगी जिसे चीन कभी नहीं चाहेगा। अब देखना ये होगा कि इस दूसरी लहर से चीन कब तक उबर पाता है क्योंकि चीन में मीडिया पर सरकार का शिकंजा कसा रहता है इसलिये सही खबर का वहां से दुनिया में पहुंचना बहुत मुश्किल होता है। इससे भी दिलचस्प ये होगा कि कोरोना महामारी के खत्म होने के बाद दुनिया चीन पर कितना भरोसा करती है और चीन दुनिया के देशों के साथ अपने संबंधों की सामान्य बहाली कब तक कर पाएगा। 

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