अबू धाबी में अन्नकूट महोत्सव की आभा

Edited By Lata,Updated: 11 Nov, 2019 10:04 AM

the aura of annakut festival in abu dhabi

संयुक्त अरब अमीरात के आबूधावी क्षेत्र में निर्माणाधीन प्रथम हिंदू मंदिर स्थल पर दीपोत्सव के बाद अन्नकूट महोत्सव

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संयुक्त अरब अमीरात के आबूधावी क्षेत्र में निर्माणाधीन प्रथम हिंदू मंदिर स्थल पर दीपोत्सव के बाद अन्नकूट महोत्सव में सहनशीलता मंत्री एवं शाही परिवार के सदस्य शेख नहयन मुबारक अल न हयन की मौजूदगी अमीरात के सातों प्रदेशों से आए असंख्य भारतीयों व स्थानीय नागरिकों को आनंदित कर गई। शेख साहब का स्वागत करने  के लिए गुजरात के गांधीनगर में अक्षरधाम के प्रभारी आनंदस्वरूप स्वामी आबू मुरेकाह पहुंचे हुए थे। उन्होंने भारतीय राजनायिक श्री विपुल का भी परम्परागत तरीके से स्वागत किया। इनके साथ आबूधाबी मंदिर निर्माण के संयोजक बुहाविहारी स्वामी व वरिष्ठ व्यवसायी डा. बी.आर.  शैट्टी ने दीप प्रज्वलित करके समारोह का शुभारंभ किया।
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दीपोत्सव व अन्नकूट की तैयारी में स्वयंसेवक एक माह से जुटे हुए थे। उन्होंने इस कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने के लिए 1500 शाकाहारी व्यंजनों का पर्वत तैयार कर दिया। अरब देशों में ऐसे उत्सव का अपना विशेष महत्व है। वहां के शासकों ने यह वर्ष सहनशीलता वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लेकर मंत्रिमंडल में अलग से विभागीय मंत्री की नियुक्ति भी कर दी जो धार्मिक सद्भाव एवं सहनशीलता का प्रसार कर रहे हैं।

लगभग 12 हजार हरिभक्तों एवं दर्शनार्थियों के लिए भजन-कीर्तन कार्यक्रम आयोजित किया गया। उपस्थिति के लिए विशेष उपहार सामुदायिक विकास विभाग की ओर से वितरित किए गए, जिसके कार्यकारी निदेशक सुल्तान अल धाहेरी स्वयं मौजूद थे। शेख नहयन ने कहा कि अब विश्व भर में यह त्यौहार मनाया जाता है जो अंधकार से रोशनी की ओर कदम बढ़ाने की प्रेरणा देता है। यह संस्कृति एवं परम्परा के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है और सभी धर्मों के अनुयायियों की उपस्थिति इसकी गरिमा व परस्पर सद्भाव बढ़ाती है।
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बीते समय में कच्छ (गुजरात) में भीषण भूकंप के बाद राहत कार्यों के संयोजन से पूरे विश्व में चर्चित हुए ब्रह्मबिहारी स्वामी ने कहा कि शेख साहब व बकी शाही परिवार का आज के उत्सव में सम्मिलित होना सद्भाव व सहनशीलता के संदेश का सुदृढ़ता से प्रसारित करेगा। उत्सव को आकर्षक व उपयोगी बनाने के लिए मंदिर निर्माणस्थल पर प्रदर्शनी आयोजित की गई जिसमें मंदिर का प्रस्तावित स्वरूप दिखाया गया। सहनशीलता वर्ष के प्रतीक चिन्ह 'घाफ वृक्ष स्थापित किया गया जिसके पत्तों पर शेख साहब और स्वामी जी ने भी संकल्प अंकित किया कि उनका जीवन सहनशीलता को समर्पित है। बच्चों के लिए मेला लगाया गया जिसमें फूड, स्टाल, गेम्स व अन्य गतिविधियों की व्यवस्था थी। रक्तदान द्वारा जरूरतमंदों का जीवन बचाने के लिए आयोजित शिविर में 200 से अधिक लोगों ने रक्तदान किया।

अन्नकूट का प्रसाद उत्सव में भाग लेने वाले अतिथियों के अलावा स्थानीय श्रमिकों के शिविरों में भी वितरित किया गया। आनंद स्वरूप स्वामी का मानना था कि सभी के हृदय में यह विश्वास प्रकट हुआ कि यह मंदिर आबूधाबी में विश्वव्यापी संवादिता व आध्यात्मिकता का कीर्तमान बनकर उभरेगा।     

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