ट्रंप प्रशासन का दावा, भारत में सरकार के आलोचक मीडिया संस्थानों बनाते है दबाव

Edited By Isha,Updated: 21 Apr, 2018 04:16 PM

the critics of government in india make media institutions pressure

ट्रंप प्रशासन ने दावा किया है कि 2017 में भारत में सरकार के आलोचक रहे मीडिया संस्थानों पर कथित तौर पर दबाव बनाया गया या उन्हें परेशान किया गया।

वाशिंगटनः ट्रंप प्रशासन ने दावा किया है कि 2017 में भारत में सरकार के आलोचक रहे मीडिया संस्थानों पर कथित तौर पर दबाव बनाया गया या उन्हें परेशान किया गया। अमरीकी विदेश मंत्रालय ने वर्ष 2017 के लिए अपनी वार्षिक मानवाधिकार रिपोर्ट में कहा, ‘‘(भारत के) संविधान ने वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी है लेकिन प्रेस की आजादी का स्पष्ट रूप से उल्लेख नहीं है। (भारत की) सरकार आमतौर पर इन अधिकारों का सम्मान करती है लेकिन कुछ ऐसे मामले भी हुए हैं जिनमें सरकार ने अपने आलोचक मीडिया संस्थानों को कथित रूप से परेशान किया और उन पर दबाव बनाया।

विदेश मंत्रालय की इस वाॢषक रिपोर्ट में दुनिया के लगभग सभी देशों में मानवाधिकार की स्थिति बताई जाती है। रिपोर्ट में कहा गया कि अन्य देशों के मुकाबले भारत में मानवाधिकार की स्थिति कहीं बेहतर है। लेकिन, इसमें उन प्रमुख घटनाओं को भी शामिल किया गया जिन्हें भारत में प्रेस की आजादी पर हमले के रूप में देखा गया। यह रिपोर्ट ऐेसे वक्त आई है जब ट्रंप प्रशासन पर भी प्रेस की आजादी पर हमले के आरोप लग रहे हैं।

एनडीटीवी पर सीबीआई के छापे, अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स के संपादक पद से बॉबी घोष की विदाई, कार्टूनिस्ट जी बाला की गिरफ्तारी का जिक्र किया गया है । विदेश विभाग ने कहा है कि 2017 में कुछ पत्रकारों और मीडियार्किमयों को न्यूज कवरेज के वक्त कथित रूप से ङ्क्षहसा का सामना करना पड़ा या उन्हें परेशान किया गया।  रिपोर्ट में पत्रकार गौरी लंकेश तथा शांतनु भौमिक की हत्या का भी उल्लेख किया गया है ।           
 

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